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देश के पीएम दाढ़ी रख सकते हैं तो एक पुलिस वाला क्यों नहीं: मौलाना - लखनऊ समाचार

उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में रमाला थाने में तैनात दारोगा इंतेशार अली को दाढ़ी रखने के लिए सस्पेंड किये जाने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. दारोगा को निलंबित किए जाने से नाराज दारुल उलूम फरंगी महल के प्रवक्ता और मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि जब देश के पीएम दाढ़ी रख सकते हैं, तो एक पुलिस वाला क्यों नहीं.

मौलाना सुफियान निजामी
मौलाना सुफियान निजामी

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Published : Oct 23, 2020, 7:33 PM IST

लखनऊ:यूपी का बागपत जिला इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है. जिले में दाढ़ी रखने को लेकर एक मुस्लिम दारोगा इंतेशार अली को बागपत के पुलिस सुपरिटेंडेंट अभिषेक सिंह ने निलंबित कर दिया. इस पर अब धर्मगुरुओं की भी प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी है. इस मुद्दे पर दारुल उलूम के प्रवक्ता और मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना सुफियान निजामी ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है.


मौलाना सुफियान निजामी का कहना है कि बागपत का मामला बड़ा अफसोसनाक वाकया है. यह कतई ठीक नहीं है कि किसी पुलिस वाले को उसके मजहब पर अमल करने के लिए सस्पेंड कर दिया जाए. मौलाना सुफियान निजामी ने सवालिया निशान खड़े करते हुए कहा कि निलंबित दारोगा इंतेशार अली पर इल्जाम है कि उन्होंने बगैर इजाजत के दाड़ी रखी. लेकिन इंतेशार अली का इस मामले में यह साफ कहना है कि उन्होंने दाढ़ी रखने की कई बार इजाजत लेने की कोशिश की थी, लेकिन उनको इजाजत नहीं मिल सकी.

मौलाना ने कहा कि जब इस देश के प्रधानमंत्री दाढ़ी रख सकते हैं तो फिर एक पुलिस वाला दाढ़ी क्यों नहीं रख सकता और अपने मजहब पर अमल क्यों नहीं कर सकता. मौलाना सुफियान निजामी ने देश के पीएम और प्रदेश के मुख्यमंत्री से इस मामले में संज्ञान लेने की अपील की है. उन्होंने अपील करते हुए कहा कि अगर किसी अफसर को मजहब की बुनियाद पर आलाधिकारियों ने निलंबित किया है, तो फिर ऐसे मामलों में फौरन कार्रवाई होना चाहिए, ताकि आगे से इस तरह की घटनाएं न सामने आएं.

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