लखनऊ:रामनवमी के जुलूसों के बाद से देश के कई राज्यों में दंगे और हिंसक घटनाएं देखने को मिल रही है. दो समुदाय के बीच बढ़ती दूरियों और मुल्क के बिगड़ते हालातों से सभी चिंतित हैं. वहीं, इन हालातों को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे में बिना इजाजत के धार्मिक जुलूस निकालने और परंपरागत जुलूसों को छोड़कर नए निकाले जा रहे जुलूसों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है. वहीं, सीएम योगी के इस सख्त निर्देश का दारुल उलूम फरंगी महल ने भी समर्थन किया है और अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों को सीएम योगी से सीख लेने की बात कही है.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने कार्यालय के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा कि कोई भी शोभायात्रा, धार्मिक जुलूस अब बिना अनुमति के न निकाली जाए. अनुमति से पूर्व आयोजक से शांति-सौहार्द कायम रखने के संबंध में शपथ पत्र भी लिया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुमति केवल उन्हीं जुलूसों को दी जाए, जो पारंपरिक हो और नए जुलूसों व यात्राओं को अनुमति न दी जाए.
दारुल उलूम फरंगी महल के प्रवक्ता सुफियान निज़ामी इसे भी पढ़ें - पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित हिन्दू परिवारों को सीएम ने दी ये सौगात, जानिए क्या-क्या दिया
वहीं, मुख्यमंत्री के आदेश का समर्थन करते हुए लखनऊ में दारुल उलूम फरंगी महल के प्रवक्ता मौलाना सूफियान निजामी ने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री ने धार्मिक आयोजनों को लेकर जो गाइडलाइन जारी किया है वो बिल्कुल सही है. किसी भी प्रदेश के अंदर शांतिपूर्ण तरीके से किसी धार्मिक आयोजनों को करना चाहिए. वहीं, सीएम योगी के जुलूसों आयोजन को लेकर रखे गए शर्तों पर उन्होंने कहा कि जो शर्तें सीएम ने रखा है वो सही हैं.
उन्होंने आगे कहा कि तमाम प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से सीख लेनी चाहिए. यहां पर रमजान है और तमाम यात्राएं निकल रही है. लेकिन किसी भी तरीके का कोई फसाद नहीं देखने को नहीं मिला. इसलिए जो भी गाइडलाइन जारी किया गया है वो सही है. कानून-व्यवस्था को देखते हुए इस गाइडलाइन पर अमल करने की जरूरत है.
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