लखनऊःपहले कोरोना काल में फसलें खराब हुईं और अब मौसम की मार पड़ रही है. किसानों का हाल बेहाल है. दरअसल, कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन लगा, जिससे फसलें बिक नहीं सकीं. कई फसलें खेतों में ही खराब हो गईं. अब रविवार से मानसूनी बारिश के साथ तेज हवा शुरू हो गई है. इससे मक्का, उड़द और मूंग जैसी फसलों को नुकसान हुआ है. इसके अलावा तरोई, लौकी, कद्दू, टिंडा, परवल, भिंडी, मेंथा एवं ग्वार भी अधिक प्रभावित हुई हैं.
कृषि विशेषज्ञ डॉ. सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि आज (रविवार) सुबह अचानक तेज हवाओं के साथ बारिश होने से मक्का की फसल को बहुत अधिक नुकसान हुआ है. हवा में मक्का बीच से टूट जाता है और पूरा पौधा क्षतिग्रस्त हो जाता है. साथ में पिछले माह ताऊते और यास तूफानों के कारण उड़द की फसल अधिक प्रभावित हुई थी. जो कुछ फसल बच गई थी, वह मानसूनी बारिश के कारण बर्बाद हो गई. इस तरह मूंग की फसल में भी किसानों का भारी नुकसान होने की आशंका है.
लॉकडाउन के कारण बहुत से किसानों ने सब्जियों की बुवाई प्रारंभ कर दी थी. बरसात हो जाने से बीज नष्ट हो जाएंगे. प्रमुख रूप से इस समय प्याज तथा गोभी की नर्सरी का उचित समय था. तेज बरसात के कारण नर्सरी में बोई गई फसलें नष्ट हो हुई हैं. बरसात के कारण जलभराव की स्थिति होने से केले की फसल भी प्रभावित हुई है. आम में फल, मक्खी, कीट के साथ-साथ बीमारी लगने का अधिक खतरा है.
गौरतलब है कि कोविड संक्रमण काल में लॉकडाउन होने से प्रमुख रूप से टमाटर,तरोई, लौकी, कद्दू, खीरा, खरबूजा एवं तरबूज की फसलें खेतों में ही सड़ गई. अब मौसम की मार पड़ने से किसान परेशान हैं. आज सुबह से ही यूपी के कई जिलों में मौसम का मिजाज अचानक बदल गया है. मौसम विभाग ने भी प्रदेश के कई जिलों में हवा के साथ तेज बारिश की चेतावनी दी थी.
विशेषज्ञों का कहना है कि तरोई, लौकी, कद्दू, टिंडा, परवल, भिंडी एवं ग्वार आदि सब्जियों पर जब बारिश हो जाती है तो पत्ती का रस चूसने वाले कीटों की संख्या बढ़ जाती है. जो अपने चूसने वाले मुखांग से रस को चूस लेने से उत्पादन कम हो जाता है तथा यह कीट फसलों में लगने वाली विषाणु बीमारी को फैलाने का भी काम करते हैं.