लखनऊ : साइबर ठगों के पांच मैसेज के चक्कर में जो भी फंसा, उसके खाते से वर्षों की मेहनत की कमाई एक झटके में उड़ गई. साइबर एक्सपर्ट्स व पुलिस द्वारा चलाए जा रहे जागरूक कार्यक्रमों के बावजूद लोग इन्हीं पांच मैसेज के झांसे में आ रहे हैं. ये मैसेज कभी बिजली कटौती के नाम पर आते हैं तो कभी जॉब लगने के नाम पर किया जाता है. कभी लोन अप्रूव होने की खुशखबरी दी जाती है तो कभी क्रेडिट कार्ड ब्लॉक होने की जानकारी दी जाती है. इन्हीं मैसेज को देखकर व्यक्ति झांसे में आ रहे हैं.
देश में साइबर ठगी की घटनाएं साल दर साल बढ़ रही हैं. रोजाना जालसाजों के नए तरीकों में लोग फंसकर अपनी मेहनत की कमाई लुटा रहे हैं. बीते कुछ वर्षों में हुए साइबर अपराधों में सबसे अधिक ठगों द्वारा भेजे गए कुल पांच मैसेज ठगी का सबसे बड़ा कारण बने हैं.
बिजली कटौती के नाम पर ठगी :लखनऊ के विजयंतखंड निवासी डॉ. चंद्र प्रकाश तिवारी के मोबाइल पर दोपहर करीब एक बजे मेसेज आया, इसमें बिजली बिल न जमा होने के कारण बिजली कनेक्शन काटने की बात कही गई और उसे जमा करने के लिए 7001731272 पर संपर्क करने को कहा. जब उन्होंने इस पर कॉल की तो जालसाज ने अपनी बातों में फंसा एक एप्लिकेशन इंस्टॉल करवाई और फिर खाते से 1.40 लाख रुपये साफ कर दिए. यह अब सामान्य ठगी हो चुकी है. इस तरह की ठगी में यूजर को कहा जाता है कि उनके घर की बिजली कटने वाली है. इससे बचने के लिए उनको एक नंबर पर कॉल करने के लिए कहा जाता है. ये नंबर स्कैमर का होता है और स्कैमर आपसे सारी पर्सनल जानकारी हासिल कर लेता है. इसका इस्तेमाल फाइनेंशियल फ्रॉड करने के लिए किया जाता है.
जॉब अप्रूवल का मैसेज : उन्नाव के रहने वाले रितेश (काल्पनिक नाम) ने बीबीए कर रखा था, लेकिन नौकरी नहीं मिल रही थी. उनके पास एक मैसेज आता है कि उनका जॉब एप्लीकेशन अप्रूव हो गया है, क्योंकि उन्होंने नौकरी के लिए कई जगह आवेदन किया था. इसलिए वह उस मैसेज के झांसे में आ गए. उन्होंने जॉब ऑफर को स्वीकार करने के लिए उस मैसेज में दिए गए लिंक में क्लिक किया तो उनकी मां के अकाउंट से 80 हजार उड़ गए. दरअसल, रितेश अपने मोबाइल में इंस्टाल गूगल पे में अपने मां के अकाउंट को लिंक कर रखा था.
कैसे होती है ठगी : जॉब देने के नाम पर साइबर ठग शिकार को मैसेज भेजते हैं. उसमें कहा जाता है कि उनका जॉब एप्लीकेशन अप्रूव हो गया है. उसमें उन्हें सैलरी भी बताई जाती है. फिर मैसेज में दिए गए लिंक पर क्लिक करने के लिए कहा जाता है. ये वॉट्सऐप चैट का लिंक होता है. इससे आपका वॉट्सऐप चैट स्कैमर के साथ ओपन हो जाएगा. फिर वो आपसे आपकी पर्सनल डिटेल्स हासिल कर ठगी करते हैं.
बैंक अकाउंट व कार्ड ब्लॉक होने के मैसेज :लखनऊ के बालागंज इलाके में रहने वाले शोएब खान सुबह सो कर उठे तो उनके मोबाइल में एक मैसेज पड़ा था. इसमें बताया गया कि किसी ने उनका बैंक अकाउंट हैक करने की कोशिश की है. ऐसे में उनका बैंक खाता व डेबिट कार्ड ब्लॉक किया जा रहा है, यही नहीं इससे बचने के लिए एक लिंक में क्लिक कर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया. शोएब ने लिंक क्लिक किया और उसमें अपने डेबिट कार्ड की सभी जानकारी फीड कर दी. दो दिन बाद उन्हें पता चला कि उनके अकाउंट से 33 हजार रुपये उड़ गए.
कैसे होती है ठगी : बैंक अकाउंट, डेबिट व क्रेडिट कार्ड ब्लॉक के नाम पर ठगी करने के लिए जमकर साइबर जालसाज लोगों को मैसेज भेज रहे हैं. इस मैसज में बैंक अकाउंट या कार्ड ब्लॉक करने की बात कही जाती है. ऐसे मैसेज में कभी SBI Yono को बैन करने की बात कही जाती है तो कभी IDFC नेटबैंकिंग ब्लॉक करने की बात कही जाती है. इस पर दिए फिशिंग लिंक पर क्लिक करते ही आपकी बैंक की पूरी डिटेल ठग तक पहुंच जाती है.
लोन अप्रूव होने का मैसेज : बंथरा के रहने वाले आशीष शुक्ला को एक मैसेज आया. उसमें 1.5 लाख का लोन अप्रूव होने की बात कही गई. आशीष को पैसों की जरूरत थी, ऐसे में उन्होंने उस मैसज में दिए गए लिंक पर क्लिक कर लिया. उसमें बैंक की डिटेल मांगी गई, जिसे उन्होंने दे दी. इसके बाद उनके अकाउंट में मौजूद 33 हजार रुपए ठगों ने उड़ा लिए.
कैसे होती है ठगी : लोन अप्रूव होने को लेकर ठग मैसेज भेजते हैं. पहले तो शिकार को मैसेज किया जाता है कि उनका लोन प्री-अप्रूव्ड हो गया है. ऐसे लोन को अप्रूव किया जाता है, जिसको आपने कभी अप्लाई ही नहीं किया. इसके बाद आपको एक लिंक पर क्लिक करने के लिए कहा जाता है. इस पर भी आपसे पर्सनल जानकारी हासिल कर ठगी को अंजाम दिया जाता है.
लॉटरी का मैसेज भेज कर ठगी : वृंदावन योजना की शिखा गौतम के फोन पर एक ऑनलाइन कंपनी के नाम पर एक मैसेज आया. उसमें उन्हें बताया गया कि कंपनी की तरफ से उन्हें एक कार गिफ्ट की जा रही है, जिसके लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा. इसके लिए उनसे फोटो, आईडी और रजिस्ट्रेशन फीस 2,999 रुपए, कार के इंश्योरेंस का चार्ज 18,600 रुपए लिए गए. इसके बाद उन्हें इंश्योरेंस के पेपर की पीडीएफ फाइल कंपनी की तरफ से भेजी गई. जालसाज ने कार को कोलकाता से लखनऊ भिजवाने के नाम पर कंपनी के कई प्रकार के चार्जेस टोल टैक्स, पाल्यूशन चार्ज बताकर 35,500 रुपए का ट्रांजेक्शन करवाया गया. जालसाज के अधिक रुपए मांगे जाने पर युवती को ठगी का एहसास हुआ.
कैसे होती है ठगी : साइबर ठग, शिकार (खासकर महिलाओं) को एक मैसेज भेजते हैं. ये मैसेज आम तौर पर ऑनलाइन शॉपिग एप्लिकेशन के नाम पर होते हैं, उसमें उन्हें बताया जाता है कि उनकी कार या पैसे की लॉटरी निकली है. इसे क्लेम करने के लिए उन्हें एक नंबर दिया जाता है. जब उसमें कॉल की जाती है तो ठग बातों में फंसा ठगी कर लेते हैं.
साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे बताते हैं कि साइबर ठग लोगों को ठगने के लिए दो रास्ते इस्तेमाल करते हैं. एक डर और दूसरा लालच. एक सर्वे में देखा गया है कि साइबर अपराधी ठगने के लिए सबसे अधिक पांच मैसज का प्रयोग करते हैं और उसमें डर व लालच दोनों दिखाया जाता है. ऐसे में लोगों को डर व लालच में नहीं आना है. पहले मैसेज को समझना है फिर उस पर प्रतिक्रिया देनी है.
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