लखनऊ: ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने वालों को अब काफी सचेत रहने की जरूरत है क्योंकि साइबर फ्रॉड नए-नए तरीके अपना रहे हैं. अभी तक साइबर अपराधी फोन करके लोगों को बैंक कर्मचारी होने की बात कहकर ठगा करते थे. वहीं अब एक कदम आगे बढ़ते हुए साइबर अपराधी विभिन्न कंपनियों के नाम पर टोल फ्री नंबर जारी कर ठगी को अंजाम दे रहे हैं. ताजा मामला राजधानी के इंदिरा नगर क्षेत्र का है, जहां के रहने वाले मोहम्मद इरफान शेख को गूगल से लिए गए फास्टैग के टोल फ्री नंबर पर कॉल करना भारी पड़ गया. वहीं फेक नंबर पर कॉल करने के बाद उनके अकाउंट से 25 हजार रुपये साइबर अपराधियों ने निकाल लिए.
इरफान शेख ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें अपने फास्टैग में रिचार्ज करना था, लेकिन वह अपने फास्टैग का पासवर्ड भूल गए थे. उन्होंने गूगल से फास्टैग का टोल फ्री नंबर निकाला और उस पर फोन मिलाया. पहले कंप्यूटर ने बात की जिसके बाद उनको एक व्यक्ति से डायरेक्शन मिलते गए. फास्टैग के फर्जी टोल फ्री नंबर पर बात कर रहे साइबर अपराधी ने इरफान से एटीएम कार्ड नंबर सहित कई जानकारी जुटा ली.
लखनऊ: फास्टैग के टोल फ्री नंबर पर किया फोन, खाते से उड़े 25 हजार रुपये
राजधानी लखनऊ में साइबर क्राइम का मामला सामने आया है. एक व्यक्ति को फेक टोल फ्री नंबर पर कॉल करना महंगा पड़ गया. उस कॉल के बाद साइबर अपराधियों ने कॉल करने वाले के अकाउंट से 25,000 रुपये निकाल लिए.
साइबर अपराधियों ने उड़ाए खाते से रुपये
वहीं जैसे ही इरफान ने फोन रखा उनके अकाउंट से पहले 20 हजार और फिर 5 हजार रुपये कट गए. इस घटना के बाद उन्होंने 112 पीआरबी नंबर पर सूचना दी. मौके पर पहुंची पीआरवी ने इरफान से साइबर थाने में एफआईआर दर्ज कराने की सलाह दी. अब इरफान अपने साथ हुए इस साइबर अपराध के संदर्भ में साइबर सेल में एफआईआर दर्ज कराएंगे.