लखनऊ:ईटीवी भारत से खास बातचीत में लखनऊ पुलिस कमिश्नर (Lucknow Police Commissioner) डीके ठाकुर (DK Thakur) ने कहा कि पिछले ढाई दशकों में अपराधों का स्वरूप पूरी तरह बदल चुका है. अपराधों को नियंत्रित करने की पुलिस की शैली भी तकनीक के कारण बहुत तेजी से बदली है. पिछले 10 साल में सर्विलांस की भूमिका अहम हो गयी है.
साइबर क्राइम पर डीके ठाकुर ने कहा कि इंटरनेट पर लोगों की निर्भरता बढ़ रही है, इसलिए साइबर क्राइम आने वाले दिनों में बढ़ेगा. ऑनलाइन लेन-देन पर अपराधियों की नजर रहती है. कैश लेकर बेवकूफ या दो नंबर का काम करने वाले चलते हैं. उनके साथ ही लूट होती है. पांच साल पहले लूट की घटनाएं ज्यादा होती थी. कैश का लेन-देन बढ़ने के कारण लूट की वारदात कम हुई हैं.
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि पहले अपराध जैसे कि मर्डर या लूट होते थे, तो पुलिस मुखबिर और पुराने अपराधी के नेटवर्क की बदौलत मामले का खुलासा करती थी. अब क्राइम होते ही सबसे पहले सर्विलांस की टीम को सक्रिय किया जाता है. पता लगाते हैं कि किससे किसकी बात हुई. सीसीटीवी सर्विलांस की भूमिका भी बहुत अहम है. कई बड़े और छोटे शहरो में भी सीसीटीवी कैमरे लग गए हैं. इनसे अपराधियों को पकड़ने में बहुत आसानी होती है.
डीके ठाकुर बोले कि विधानसभा चुनावों के दौरान शराब के मामले बढ़ते हैं. कुछ राजनीतिक पार्टियां और प्रत्याशी वोट पाने के लिए शराब वितरित करते हैं. अब सरकारी ठेकों पर शराब में मिलावट के कारण लोगों की मौत होती हैं. ऐसे इलाकों में आबकारी अधिकारी सक्रिय रहेंगे, तो ऐसे अपराधों को नियंत्रित किया जा सकता है. विधानसभा चुनाव को लेकर संवेदनशील मतदान केंद्रों और चुनाव के दौरान गड़बड़ी करने वालों को चिन्हित करने, लाइसेंसी शस्त्रों को जमा करने के लिए निर्देश दिए गये हैं.