लखनऊ: लखनऊ और नोएडा में कमिश्नरी सिस्टम लागू करने के बाद नागरिक सुरक्षा संगठन ने लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में नागरिकता अभिनंदन समारोह का आयोजन किया. आयोजन मे प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की. डीजीपी ओपी सिंह ने कहा के प्रदेश की राजधानी लखनऊ और नोएडा में पुलिस कमिश्नरी प्रणाली लागू करना समय की जरूरत थी. पुलिस कमिश्नर प्रणाली की मदद से हम आम जनता को बेहतर पुलिसिंग उपलब्ध कराना चाहते हैं.
नागरिकता अभिनंदन समारोह का आयोजन. ओपी सिंह ने कहा कि पुलिस ही एक ऐसा संगठन है, जो सेवा भी है और एक बल भी है. पुलिसिंग एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, जिसे हम लगातार अथक परिश्रम और बेहतर पुलिसिंग की भावनाओं से कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि लगातार हम बेहतर पुलिसिंग उपलब्ध कराने के लिए काम कर रहे हैं. दूसरी ओर इस ओर भी काम किया जा रहा है कि पुलिस कर्मचारी के व्यवहार में बेहतर बदलाव लाए जा सके. अपराधिक गतिविधियों में संलिप्त पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि उनके साथ भी अपराधियों जैसा ही सलूक किया जाए. पुलिस कर्मचारियों को बेहतर करने के लिए हम प्रेरित भी कर रहे हैं. कॉप ऑफ द मंथ का कांसेप्ट थानों पर शुरू किया गया है, जिससे कर्मचारियों को मोटिवेशन मिले और वह बेहतर काम करें.
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सुजीत पांडेय की डीजीपी ने की प्रशंसा
कार्यक्रम के दौरान डीजीपी ओपी सिंह ने लखनऊ के पहले पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि सुजीत पांडेय ने लखनऊ में तैनाती के दौरान अपने आप को बेहतर पुलिस ऑफिसर के तौर पर साबित किया था. इसी के चलते उन्हें लखनऊ का पुलिस कमिश्नर बनाया गया है.
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पुलिस की उपलब्धियों को गिनाते हुए डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि हमने बेहतर पुलिसिंग और लॉ ऍण्ड ऑर्डर को बनाए रखने के लिए तमाम एक्सपेरिमेंट किए. पुलिस सेवा के साथ-साथ एक साइंस भी है, जिसमें एक्सपेरिमेंट होते रहने चाहिए. कुंभ मेले के दौरान हमने विश्व स्तरीय सुविधा उपलब्ध कराई. चुनाव के दौरान हमने बेहतर काम किया. अयोध्या फैसले के दौरान पूरे देश में शांति व्यवस्था बनाए रखने में हमें कामयाबी मिली. इन उपलब्धियों के साथ अभी और चुनौतियां हैं, जिन्हें हम दूर करने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जहां एक ओर सोशल मीडिया निगरानी और साइबर क्राइम हमारे लिए चुनौती बने हुए हैं. वहीं सोशल मीडिया एक तरह से पुलिस के लिए सहायक भी है. तमाम बार हमें सोशल मीडिया से अपराध के मामले की सूचनाएं मिलती है, जिस पर पर कार्रवाई की जाती है. ऐसे में सोशल मीडिया अपराधियों के लिए एक हथियार की तरह काम में आ रहा है.