लखनऊ:चढ़ावे के फूलों को अब संगम में प्रवाहित नहीं किया जाएगा. इसके लिए बुधवार को सीएसआईआर-सीमैप ने मेसर्स ग्रीन ड्रीम भारत-ए-प्रयागराज के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए. समझौते के अनुसार, मंदिरों में चढ़े फूलों से सुगंधित अगरबत्ती और कोन बनाए जाएंगे. इससे महिलाओं को भी रोजगार मिलेगा.
तकनीक की हस्तांतरित
गोरखपुर, अयोध्या, बनारस, लखनऊ, लखीमपुर में महिलाओं के साथ-साथ जिला कारागार में भी इसका प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इस निर्णय से महिलाओं को रोजगार मिलेगा. वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद-केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (CSIR-CIMAP) लखनऊ ने मंदिरों में चढ़े फूलों से सुगंधित अगरबत्ती और कोन बनाने की तकनीक को मेसर्स ग्रीन ड्रीम भारत, नैनी, प्रयागराज को हस्तांतरित किया है.
अपना उत्पाद बाजार में उतारने का लिया निर्णय
कंपनी के प्रमुख अभय मेहरोत्रा आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग करने के बाद पिछले 16 वर्षों से कॉर्पोरेट जगत में कार्य कर रहे थे. इन्होंने 6 वर्ष देश की कंपनी प्रमुख का दायित्व लिया था. मेसर्स ग्रीन ड्रीम भारत प्रयागराज ने सीएसआईआर-सीमैप से मंदिरों में चढ़े फूलों से सुगंधित अगरबत्ती और कोन बनाने की तकनीकी को प्राप्त कर अपने ब्रांड का उत्पाद बाजार में उतारने का फैसला लिया है.