लखनऊ: कोरोना के कहर के चलते परिवहन विभाग ने भले ही आरटीओ कार्यालय में आने वाले आवेदकों से अगर जरूरी न हो तो 4 अप्रैल तक कार्यालय न आने का अनुरोध किया हो, लेकिन कार्यालय में जुटने वाली भीड़ कम होने का नाम ही नहीं ले रही रही है. शुक्रवार को भी बड़ी संख्या में आवेदक अपना काम कराने आरटीओ कार्यालय पहुंचे. अधिकारी कार्यालय आई जनता को यह समझाते भी दिखे कि अपने साथ कार्यालय में किसी वे को भी न लाएं. अगर अपना काम कराने आएं तो सिर्फ अकेले आएं, जिससे कोरोना वायरस के फैलने की गुंजाइश न रहे.
परिवहन विभाग की अपील का नहीं हुआ असर
हर दिन की तरह शुक्रवार को भी बिना कोरोना से डरे बड़ी संख्या में लोग आरटीओ कार्यालय में अपना काम कराने पहुंचे. जबकि गुरुवार शाम को ही परिवहन आयुक्त कार्यालय की तरफ से प्रेस नोट जारी कर आवेदकों से अपील की गई थी कि 21 मार्च से 4 अप्रैल तक के लर्नर लाइसेंस के जिन आवेदकों के स्लॉट हैं, उन्हें रीशेड्यूल कर दिया जाएगा और वे अपने लाइसेंस बनवाने के लिए 15 से 25 अप्रैल के बीच आरटीओ कार्यालय आ सकते हैं, लेकिन आवेदकों का इस पर कोई असर नहीं हुआ.
अधिकारियों को सता रहा कोरोना का डर
परिवहन विभाग ने यह भी अपील की है कि परमानेंट आवेदक, जिनके स्लॉट 21 मार्च से 4 अप्रैल तक के बीच हैं, उनकी अवधि अगर 30 अप्रैल को खत्म हो रही है, तभी आरटीओ कार्यालय आएं. परिवहन विभाग की अपील के बावजूद लोग अपने समय पर ही कई लोगों को साथ लेकर आरटीओ कार्यालय पहुंच रहे हैं. इस भीड़ का डर आरटीओ कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी सता रहा है. इसकी वजह यही है कि भीड़ से कोरोना फैलने का खतरा कहीं ज्यादा बढ़ जाता है.