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यूपी के 74 जिलों में खुलेंगे क्रिटिकल केयर ब्लॉक, 27 जिलों में नर्सिंग कॉलेज

राजधानी में बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया के साथ समीक्षा की. इस दौरान सीएम योगी, डॉ. मनसुख मांडविया व अन्य अधिकारी मौजूद रहे.

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Published : Jul 27, 2023, 7:48 AM IST

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लखनऊ :मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया के साथ उत्तर प्रदेश में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सेवाओं को और अधिक जनोपयोगी बनाने के उद्देश्य से केंद्र व राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के प्रगति की समीक्षा की. समीक्षा बैठक के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने उत्तर प्रदेश में संचालित 'ई-रूपी वाउचर, ई-कवच, केयर और यूनिफाइड डिजीज सर्विलांस पोर्टल मॉडल की सराहना की और विभागीय अधिकारियों को प्रेजेंटेशन देने दिल्ली आमंत्रित किया. इस दौरान केंद्रीय मंत्री मांडविया ने कहा कि उत्तर प्रदेश में एक साथ 74 जिलों में क्रिटिकल केयर ब्लॉक की स्थापना की जाएगी.

यूपी के 74 जिलों में खुलेंगे क्रिटिकल केयर ब्लॉक

'मृत्यु दर में आई कमी' : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और भारत सरकार की टीम के उत्तर प्रदेश आगमन पर अभिनन्दन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि '2014 के पहले राज्यों के अधिकारी दिल्ली की परिक्रमा किया करते थे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती थी. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्री स्वयं राज्यों में भ्रमण कर उनकी आशा अपेक्षा और आवश्यकता जान रहे हैं और उसी अनुरूप निर्णय ले रहे हैं. यह संवैधानिक व्यवस्थाओं के पालन का बेहतरीन उदाहरण है. इंसेफेलाइटिस उन्मूलन के प्रयासों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 'विगत 40 वर्षों में 50 हजार से ज्यादा बच्चे इस बीमारी के कारण असमय काल कवलित हो गए. आज एईएस के रोग मृत्यु दर में 95% की कमी आ चुकी है, जबकि जेई के रोगियों की मृत्यु 96% तक कम हुई है. आशा बहनों और एएनएम के सहयोग से हमने घर-घर जाकर स्क्रीनिंग करने का कार्य किया. स्वच्छ भारत मिशन तथा बेहतर सर्विलांस के माध्यम से प्रदेश इस बीमारी को नियंत्रित कर चुका है. यह बीमारी शीघ्र ही प्रदेश से समाप्त हो जाएगी.'


'पीपीपी मोड की अपनाई नीति' : उन्होंने कहा कि '16 असेवित जिलों में मेडिकल कॉलेज स्थापना के लिए राज्य सरकार ने पीपीपी मोड की नीति अपनाई है. इसके तहत शामली, मऊ, महराजगंज और संभल में कार्य प्रारंभ हो चुका है, जबकि बागपत, मैनपुरी, कासगंज, महोबा, हमीरपुर और हाथरस के लिए वायबिलिटी गैप फंडिंग के तहत भारत सरकार से अनुमोदन प्राप्त हो चुका है. सभी जगह शीघ्र ही कार्य प्रारंभ होंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद अब तक प्रदेश में राजकीय क्षेत्र में मात्र 05 बीएससी नर्सिंग कॉलेज संचालित थे. वर्ष 2021-22 में 07 तथा 2022-23 में भी 11 नए राजकीय नर्सिंग कॉलेज संचालित किए गए और अब भारत सरकार के सहयोग से अतिशीघ्र 27 नए नर्सिंग कॉलेज की स्थापना होने जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों इनकी आधार शिला रखी जायेगी. इससे प्रदेश के नर्सिंग और पैरामेडिकल सेक्टर में करियर बनाने के इच्छुक युवाओं के लिए बड़ा अवसर सृजित होगा.'

यूपी के 74 जिलों में खुलेंगे क्रिटिकल केयर ब्लॉक


'योजनांतर्गत अब तक ₹3148 करोड़ का भुगतान' : बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि 'आयुष्मान योजना से सम्बद्ध अस्पतालों का भुगतान वर्तमान में 30 दिवस के भीतर किया जा रहा है. इसे अधिकतम 15 दिन में कर दिया जाना चाहिए. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन की सराहना करते हुए अधिकाधिक लोगों को इससे लाभान्वित करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि अब हमें परिवार के साथ-साथ प्रत्येक सदस्य पर फोकस करना होगा. उत्तर प्रदेश में गोल्डन कार्ड बनाये जाने में तेजी की अपेक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में 06 करोड़ नए लाभार्थी जोड़े जाने का लक्ष्य लेकर कार्य किया जाना चाहिए. यहां अब तक 2.98 करोड़ कार्ड जारी किए जा चुके हैं और 23.51 लाख लोगों ने इसका लाभ लिया है. प्रदेश में इस योजनांतर्गत अब तक ₹3148 करोड़ का भुगतान किया गया है. कोई भी पात्रजन इससे वंचित न रहे. उन्होंने यह भी कहा कि आयुष्मान भारत योजना से अधिकाधिक निजी अस्पतालों को जोड़ने के प्रयास किए जाएं.'

'लाभार्थियों को दिया जाएगा योजना का लाभ' : केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 'आयुष्मान भारत के अंतर्गत अब तक एसईसीसी डेटा के अनुसार लाभार्थी चिन्हित करने की बाध्यता के कारण कतिपय समस्या आ रही थी. ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सत्यापित कर उपलब्ध कराये गए डेटा के आधार पर भी लाभार्थियों को योजना का लाभ दिया जाएगा. राज्य सरकार जिन परिवारों को सत्यापित कर डेटा उपलब्ध कराएगी, सभी को आयुष्मान भारत कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमें अपने कम्युनिटी हेल्थ सेंटर को और मजबूत करने की आवश्यकता है. हमारे मेडिकल कॉलेज इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. उचित होगा यदि हर मेडिकल कॉलेज न्यूनतम 05 कम्युनिटी हेल्थ सेंटर को गोद ले. वहां नियमित अंतराल पर डॉक्टर्स विजिट करें. सेंटर के डॉक्टरों का मार्गदर्शन करें. केंद्रीय मंत्री मांडविया ने कहा कि प्रधानमंत्री आयुष्मान हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर योजनांतर्गत प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र में आधारभूत अवस्थापना विकास का कार्य तेजी से किया जा रहा है. इसके तहत प्रत्येक जिले में गंभीर बीमारियों के उपचार के लिए जिला स्तरीय अस्पताल, मेडिकल कॉलेज में 100/50 बेड के क्रिटिकल केयर ब्लॉक की स्थापना होनी है. उत्तर प्रदेश में एक साथ 74 जिलों में क्रिटिकल केयर ब्लॉक की स्थापना की जाएगी. एक साथ एक ही दिन सभी 74 क्रिटिकल केयर यूनिट की शुरुआत होगी. भारत सरकार के स्तर से हर आवश्यक सहयोग दिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने इसे प्रदेश के लिए बड़ा उपहार बताते हुए इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही तेज करने के निर्देश दिए. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत सरकार आगामी सितंबर माह से 'आयुष्मान भव:' अभियान प्रारंभ कर रही है. इसके तहत 'आपके द्वार आयुष्मान 3.0' कार्यक्रम होगा. इसके तहत, घर-घर जाकर आयुष्मान कार्ड बनाये जाएंगे. गांवों, नगरों और स्कूलों में 'आयुष्मान सभा' के आयोजन होंगे. इस प्रकार जो गांव पूरी तरह संतृप्त हो जाएगा, उसे 'आयुष्मान ग्राम' घोषित किया जाएगा.

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