लखनऊ: रविवार को यूपी एसटीएफ और मिलिट्री इन्टेलीजेन्स लखनऊ की संयुक्त कार्रवाई में भारतीय सेना में भर्ती कराने के नाम पर करोड़ों का फर्जीवाड़ा ((Army Recruitment Fraud in Lucknow) ) करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया. सेना में आवश्यक मेडिकल टेस्ट पास कराने, कूटरचित नियुक्ति पत्र देने और अन्य तरीकों से सेना की भर्ती प्रक्रिया के नाम पर धांधली करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया गया.
सेना में भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले गिरफ्तार सदस्यों में भारतीय सेना की कोर्ट ऑफ इन्क्यारी से भागा एक भगौड़ा सैनिक और मिशन डिफेन्स एकेडमी लखनऊ का प्रबन्धक शामिल हैं. आरोपियों ने सैकड़ों अभ्यर्थियों को मेडिकल टेस्ट पास करवाकर सेना में भर्ती कराने के नाम पर करोड़ों का फर्जीवाड़ा किया था. दोनों भगोड़े सैनिक हैं, जिनको कोर्ट आफॅ इन्क्वाइरी प्रक्रिया के बाद सेना से कोर्ट मार्शल किया गया था.
जनवरी 2020 में एसटीएफ और मिलिट्री इंटेलिजेंस की संयुक्त कार्रवाई में दो पूर्व सैनिकों को गिरफ्तार किया गया. इन्होंने भारतीय सेना में शारीरिक दक्षता पास अभ्यर्थियों के लिए मेडिकल टेस्ट पास कराने के नाम पर धन उगाही की थी. उन्होंने बताया कि बाद में इन सैनिकों का कोर्ट मार्शल कर दिया गया था, इनके गिरोह के कुछ अन्य सदस्यों के बारे में भी एसटीएफ और मिलिट्री इंटेलिजेंस लगातार जानकारी जुटा रही थी.
सूत्रों ने बताया कि पड़ताल के दौरान यह मालूम हुआ कि लखनऊ के बिजनौर क्षेत्र स्थित मिशन डिफेंस एकेडमी का प्रबंधक सतीश यादव किसी सैनिक के साथ मिलकर भारतीय सेना में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को मेडिकल टेस्ट पास करवाने और फर्जी नियुक्ति पत्र जारी कर बड़े पैमाने पर धन उगाही कर रहा है. इस सैनिक के बारे में मिलिट्री इन्टेलिजेन्स के साथ जानकारी साझा करने पर पता चला कि वर्ष-2020 में हुई फर्जी भर्ती प्रक्रिया की कोर्ट आफ इनक्वाइरी में पवन राज नामक सैनिक का नाम सामने आया था.