लखनऊ: उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को पंजाब जेल से यूपी लाने के लिए 2 वर्षों तक रस्साकशी चली थी. आखिर में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उसे अप्रैल 2021 में यूपी लाया जा सका. अब मुख्तार अंसारी की ही राह पर उसका चेला जुगनू वालिया भी चल रहा है. करीब 2 सालों तक लखनऊ पुलिस की आंख में धूल झोंक फरार चल रहा जुगनू वालिया मई 2023 में गिरफ्तार किया गया था. उसके खिलाफ लखनऊ में 20 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं. लेकिन वह मुख्तार की ही तरह सेटिंग कर पंजाब की पटियाला जेल में बंद है. वहां से वह यूपी में आने के लिए अड़चन पैदा कर रहा है.
पंजाब जेल में बंद जुगनू वालिया अपने गुरु मुख्तार अंसारी की राह पर चल रहा है.
मुख्तार को मानता है अपना गुरु
बता दें कि वर्ष 2018 में हरविंद्र सिंह उर्फ जुगनू वालिया ने बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी और उनके साम्राज्य पर जब योगी सरकार की पुलिस कार्रवाई कर रही थी. उस दौरान जुगनू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में लाइव आकर योगी सरकार पर मुख्तार को परेशान करने का आरोप लगाया था. इस दौरान जुगनू ने मुख्तार अंसारी को अपना गुरु बताते हुए कहा था कि आज नकली शेर असली शेर को कुत्ता समझ रहे हैं. लेकिन एक दिन असली शेर (मुख्तार अंसारी) बाहर आएगा तो एक-एक से बदला लेगा. उसने कहा था कि मुख्तार अंसारी उनके गुरु हैं और लोगों के देवता हैं.
पंजाब की एंटी गैंगस्टर टॉस्क फोर्स ने पिस्टल और विदेशी मुद्रा के साथ गिरफ्तार किया था. मुख्तार के चेले जुगनू ने आम आदमी पार्टी सरकार में बनाई सेटिंग पंजाब में कांग्रेस की सरकार गिरने के बाद आम आदमी पार्टी की सरकार बनी. जहां आम आदमी पार्टी के सीएम भगवंत मान ने खुलासा किया कि माफिया मुख्तार अंसारी को पंजाब की जेल में ऐशो आराम देने और उसे यूपी न जाने देने के लिए तत्कालीन कैप्टन सरकार ने पैसों को पानी की तरह बहाया था. अब जब पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बन चुकी है तो उन पर लखनऊ के टॉप अपराधियों की लिस्ट में सुमार मुख्तार के गुर्गे जुगनू वालिया को वहां की जेल में पनाह देने का आरोप लग रहा है. यही वजह है कि सीजीएम कोर्ट पटियाला द्वारा जुगुनू वालिया को लखनऊ कोर्ट में पेश करने के आदेश जारी करने के बाद भी उसे पटियाला जेल से लखनऊ नहीं भेजा जा रहा है. जबकि लखनऊ पुलिस उसे यूपी लाने के लिए कई बार कोशिश कर चुकी है.चिकचिक रेस्टोरेंट के संचालक के हत्या में आरोपी मुख्तार को अपना गुरु कहने वाला जुगनू यूपी पुलिस की टॉप 65 अपराधियों की लिस्ट में शामिल है। उसके खिलाफ राजधानी के अलग-अलग थानों में जानलेवा हमले, रंगदारी, लूट समेत करीब 20 मुकदमे दर्ज है. इतना ही नहीं वह 2 वर्षों से आलमबाग के चंदर नगर में 27 अक्टूबर 2021 में चिकचिक रेस्टोरेंट के संचालक जसविंदर सिंह उर्फ रोमी की हत्या के मामले में आरोपी है. तब से वह फरार चला रहा था. ऐसे में अब उसके पंजाब से लखनऊ न आने से कई गंभीर मामलों में कोर्ट में सुनवाई रुकी है और उसे सजा नहीं हो पा रही है.पंजाब की AGTF ने किया था गिरफ्तार चिकचिक रेस्टोरेंट के संचालक जसविंदर सिंह की हत्या करने के बाद जुगनू वालिया लखनऊ पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर पंजाब भाग गया था. लखनऊ पुलिस ने कई बार पंजाब में छापेमारी की. लेकिन वह उनके हाथ नहीं लग सका. 6 मई 2023 को पंजाब की एंटी गैंगस्टर टॉस्क फोर्स ने उसे खार से गिरफ्तार किया था. पंजाब पुलिस ने यह माना था कि जुगनू मुख्तार अंसारी का गुर्गा है और यूपी पुलिस का मोस्ट वांटेड अपराधी है. इसके बाद उसे पंजाब की रूप नगर जेल भेजा गया. सूत्रों के मुताबिक, उसके बाद सेटिंग कर अपनी जेल बदलवाते हुए पटियाला जेल आ गया.लखनऊ के साथ पंजाब में है मुकदमा दर्ज राजधानी में हरविंद्र सिंह उर्फ जुगनू वालिया के खिलाफ 20 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं. जबकि पंजाब में उसके खिलाफ 6 मई को गिरफ्तारी के वक्त अवैध पिस्टल और विदेशी मुद्रा रखने के आरोप में केस दर्ज किया गया था. गिरफ्तारी के बाद लखनऊ पुलिस बी वारेंट लेकर पटियाला सीजेएम कोर्ट पहुंची. जहां जुगनू वालिया को लखनऊ भेजने के लिए निर्देशित किया गया था. लेकिन अब तक उसे लखनऊ नहीं भेजा जा सका है. एडीसीपी पूर्वी सय्यद मो. अली अब्बास ने बताया कि जुगुनू वालिया के खिलाफ करीब दो दर्जन मुकदमे यहां दर्ज हैं. लेकिन पंजाब पुलिस उसे भेज नहीं रही है. अब सीजीएम कोर्ट से वीडियो कांफ्रेंसिंग कराने की अपील की जाएगी.