लखनऊ: पांच वर्ष पूर्व चिनहट इलाके में भीषण गोलीबारी के दौरान एक महिला की मौत के मामले में सभी छह अभियुक्तों जसकरन, राजकुमार यादव उर्फ बउवा, गंगाराम, मोनू, मनोज यादव व शिवकरण को सत्र अदालत ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है. इस गोलीबारी में एक महिला घायल भी हुई थी. कोर्ट ने पाया कि जिन असलहों से गोली चलाने का आरोप अभियुक्तों पर लगाया गया है, उनकी बैलिस्टिक रिपोर्ट में गोली चलना नहीं पाया गया.
घटना 19 अप्रैल 2018 की रात्रि में चिनहट के हासेमऊ गांव में घटित हुई थी. इस घटना की रिपोर्ट रंजीत यादव ने दर्ज कराई थी. अभियोजन के मुताबिक रंजीत का भाई अजीत घर से मोटरसाइकिल से जिम जा रहा था, गांव के हनुमान मंदिर के पास एक टाटा सफारी रुकी, इसमें से एक आरोपी जसकरन अपने नाबालिग पुत्र के साथ निकला और दोनों अजीत को मारने लगे. कहा गया कि अजीत जब चिल्लाने लगा तो शोर सुनकर वादी मौके पर पहुंचा तो उसे भी मारापीटा, वह किसी तरह अपने भाई को बचाकर घर ले आया लेकिन वह जैसे ही घर पहुंचा कि जायज और नाजायज असलहों से लैस होकर जसकरन, राजकुमार यादव उर्फ बउवा, गंगाराम, मोनू, मनोज यादव व शिवकरण धावा बोल दिया और अंधाधुंध गोली चलाने लगे.