लखनऊ :राजधानी के एक नामी अस्पताल में डॉक्टरों और स्टाफ की मनमानी के किस्से आए दिन आम हो रहे हैं. कुछ दिनों पहले ही अस्पताल में मृतक मरीज के परिजनों से वसूली का एक वीडियो वायरल हुआ था. सोमवार को फिर से नया मामला सामने आया. आगरा से एक मरीज को उपचार के लिए लाया गया था. परिजनों ने आरोप लगाया कि बगैर वेंटिलेटर पर रखे ही फर्जी बिल बना दिया गया. मरीज की हालत में सुधार नहीं होने पर डिस्चार्ज करने के लिए कहा तो पांच घंटे से अधिक का समय लगा दिया. तीमारदारों ने एक वीडियो भी बनाकर वायरल किया है. हालांकि ईटीवी भारत इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है.
आशियाना निवासी रिंकू गोयल के पिता झम्मन लाल गोयल को यूरिन समेत कुछ अन्य परेशानियां थीं. उनका इलाज आगरा के एक अस्पताल में चल रहा था. वहां ज्यादा फायदा न होने पर रिंकू गोयल अपने पिता को वहां से लखनऊ के एक नामी अस्पताल में ले आए. 17 दिसंबर को उन्होंने पिता को भर्ती कराया, लेकिन करीब 14 दिन उपचार के बाद भी मरीज की सेहत में कोई सुधार नहीं हुआ. उन्होंने अस्पताल प्रशासन से पिता को डिस्चार्ज करने को कहा. मरीज को डिस्चार्ज करने में अस्पताल प्रशासन में पांच घंटे से अधिक का समय लगा दिया.