लखनऊ: प्रदेश की योगी सरकार भले ही अपराध पर नियंत्रण करने के लिए तमाम दावे कर रही है लेकिन अपराध की जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है. सरकार की तमाम सख्ती के बावजूद भी उत्तर प्रदेश में अपराध रुकने का नाम नहीं ले रहा है. राजधानी का यह आलम है की सितंबर माह में हत्या, लूट, बलात्कार जैसे बड़ी संख्या में आपराधिक घटनाएं हुई हैं. अपराधियों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि सिर्फ सितंबर माह में 13 गोलीकांड को अंजाम दिया गया है.
- 5 सितंबर को अमीनाबाद के जूते वाली गली के बाहर सब्जी विक्रेता विपिन सोनकर को गोली मारकर घायल कर दिया गया था.
- 7 सितंबर मडियाव में किराएदार से झगड़े में वकील ने लाइसेंसी असलहे से गोली चलाई, गोली किराएदार के पैर में लगी थी.
- 8 सितंबर को गोमती नगर के अलकनंदा अपार्टमेंट में अभिषेक ने सास चंद्र सिंह को गोली मारकर हत्याकर दी.
- 9 सितंबर को बंथरा में तीन कुत्तों को गोली मार दी गई और घटना के बाद पशु हिंसा के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई की गई.
- 11 सितंबर को मानक नगर में प्रॉपर्टी डीलर गोलू श्रीवास्तव ने लाइसेंसी बंदूक से फायर की थी
- 12 सितंबर को सहादतगंज में निजी कंपनी के मालिक मोहम्मद इमरान को बाइक सवार बदमाशों ने गोली मारी थी और पुलिस अभी तक इस घटना का खुलासा नहीं कर पाई है.
- 13 सितंबर को माल के भानपुर गांव में किसान विश्राम रावत को गोली मारकर घायल कर दिया गया था.
- 16 सितंबर को मोहनलालगंज में प्रॉपर्टी डीलर व फौजी अशोक यादव को बदमाशों ने गोली मार दी थी इस घटना में भी पुलिस अभी तक खुलासा नहीं कर पाई है.
- 17 सितंबर को गुडंबा में शराब ठेके पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर सेल्समैन जितेंद्र को बदमाशों ने घायल कर दिया था.
- 20 सितंबर को हसनगंज में एक व्यक्ति ने नर्स वंदना की गोली मारकर हत्या की और इसके बाद आत्महत्या कर ली थी.
- 21 सितंबर को कैंट थाने के सामने पूरी विक्रेता को बाइक सवार बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
- 21 सितंबर को मड़ियाव में स्कूली वैन चालक मेराज को बदमाशों ने गोली मारकर लहूलुहान कर दिया गया था.
- 23 सितंबर को हुसैनगंज में रेलवे के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शहनवाज पर बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की थी.