लखनऊ :उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है. कई छोटे राज्यों की एक से अधिक क्रिकेट टीमें हैं. जैसे तेलंगाना की टीम के साथ हैदराबाद की टीम अलग है. गुजरात में गुजरात और सौराष्ट्र की दो टीमें हैं. महाराष्ट्र में महाराष्ट्र मुंबई और विदर्भ तीन टीमें हैं. उत्तर प्रदेश में लाखों क्रिकेटर हैं. सिर्फ एक टीम होने से क्रिकेटरों का नुकसान हो रहा है. इसलिए उत्तर प्रदेश के पूर्व रणजी क्रिकेटर मंत्री मोहसिन रजा ने उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) को पत्र भेजा है. अब यूपीसीए इस दिशा में गंभीर है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के सबसे वरिष्ठ क्रिकेटरों में से एक अशोक बाम्बी ने भी आवाज उठाई है.
पूर्व मंत्री और रणजी क्रिकेटर मोहसिन रजा इस समय उत्तर प्रदेश हज कमेटी के अध्यक्ष हैं. उन्होंने उत्तर प्रदेश के क्रिकेट में लंबे समय तक योगदान दिया है. मोहसिन रजा का मानना है कि निश्चित तौर पर केवल क्रिकेट ही नहीं उत्तर प्रदेश जितना बड़ा राज्य है लगभग सभी प्रमुख खेलों में यहां एक से अधिक टीमें होनी चाहिए. उत्तर प्रदेश के अलग-अलग भागों को चार खंडों में बैठकर टीमें बनाई जाएं. इन सभी टीमों को एक अलग राज्य का दर्जा देते हुए. उनको एसोसिएशन के टूर्नामेंट में शामिल किया जाए. उदाहरण के तौर पर जैसे विदर्भ की टीम जब लड़की ट्रॉफी खेलती है तो वह मुंबई और महाराष्ट्र सहित अन्य टीमों के खिलाफ भी अपने मुकाबले खेलती है. ऐसे ही सौराष्ट्र गुजरात के खिलाफ और अन्य राज्यों के खिलाफ मुकाबलों में भाग लेता है. यही स्थिति हैदराबाद की भी है. इसी तरह से उत्तर प्रदेश को चार भागों में बांट कर चार अलग-अलग टीमें बना दी जाएं. सीनियर ही नहीं सभी आयु वर्ग में अलग-अलग टीमों को मौका दिया जाए.
इस वक्त उत्तर प्रदेश के 75 जिले हैं. औसतान हर जिले में कम से कम एक हजार क्रिकेटर हैं. ऐसे में लगभग एक लाख क्रिकेटर हो जाते हैं. बालिका खिलाड़ियों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है. इसलिए बाकी राज्यों के मुकाबले उत्तर प्रदेश में इस कदर प्रतिस्पर्धा हो गई है कि क्रिकेटरों को अवसर बहुत कम है. अनेक खिलाड़ी छोटे राज्यों में पलायन कर जा रहे हैं. इससे प्रदेश में प्रतिभा पलायन हो रहा है. मोहसिन रजा ने बताया कि इसी वजह से उन्होंने न केवल बीसीसीआई के सचिव जय शाह को उनके अलावा अनेक खेल संघों के पदाधिकारियों को पत्र लिखा है. ताकि उत्तर प्रदेश की 1 से अधिक टीमें बनाई जा सकें.