लखनऊ: चिकित्सा विशेषज्ञों ने कोविड-19 की तीसरी लहर आने के संकेत दे दिए हैं. अब राजधानी में भी संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. ऐसे में एक बार फिर अस्पतालों व चिकित्सा संस्थानों में भीड़ का दबाव बढ़ने लगा है, जिससे कोविड के मानक ध्वस्त हो गए हैं. दवा लेने से लेकर पर्चा बनवाने और डाक्टरों से परामर्श के लिए लंबी कतार लग रही है. सबसे खराब हालत लोहिया संस्थान की है, जहां ओपीडी शुरू होने से 2 घंटे पहले ही पर्चा बनवाने के काउंटर पर लंबी कतार लग जाती है जो ओपीडी समाप्त होने के बाद भी नहीं खत्म होती है.
डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, सिविल हॉस्पिटल और चिकित्सा विश्वविद्यालय समेत सभी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ रही है. इन्हें नियंत्रित करने के लिए स्टाफ और गार्ड तो तैनात हैं, लेकिन शारीरिक दूरी (social distancing) के नियम का कहीं पालन नहीं हो रहा है. अधिकांश काउंटरों पर धक्का-मुक्की के बीच मरीज अपना नंबर आने का इंतजार कर रहे हैं. हालांकि, डॉक्टरों ने स्थिति पर चिंता जताई है. डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार की जारी गाइडलाइन का गंभीरता पूर्वक पालन नहीं किया गया तो कोरोना की तीसरी लहर का सामना करने में भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है.
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