लखनऊ: एमपी-एमलए के विशेष जज पवन कुमार राय ने अरबों के स्मारक घोटाला मामले में अभियुक्त डॉ. सुहेल अहमद फारुकी के खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट का तामीला नहीं होने पर थानाध्यक्ष गोमतीनगर को तलब कर लिया है. कोर्ट ने उनसे पूछा कि क्यों न उनके विरुद्ध प्रकीर्णवाद दर्ज कर विधिक कार्रवाई अग्रसरित की जाए. कोर्ट ने उन्हें 27 सितंबर को अदालत में व्यक्तिगत रुप से उपस्थित होकर कारण स्पष्ट करने के लिए कहा है. इस घोटाले के दौरान अभियुक्त डॉ. फारुकी खनन निदेशालय उप्र. में संयुक्त निदेशक और सलाहकार हुआ करते थे.
विगत 11 फरवरी को विशेष अदालत ने मुल्जिम के खिलाफ आईपीसी की धारा 409 और 120 बी के साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) (डी) व 13 (2) में दाखिल आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए समन तलब किया था लेकिन, उपस्थित नहीं होने पर अभियुक्त के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट और बाद में सीआरपीसी की धारा 82 की नोटिस भी जारी करने का आदेश दिया था. बावजूद इसके आदेश का अनुपालन नहीं किए जाने पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. विशेष जज ने अपने आदेश में कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि अभियुक्त को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से जानबूझकर ऐसा किया जा रहा है, जो अदालत के आदेश की अवहेलना की श्रेणी में आता है.