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अधिक अंक के बावजूद गृह जनपद आवंटित न करने के खिलाफ याचिका पर कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती मामले में गृह जनपद आवंटित न करने में राज्य सरकार से जवाब तलब किए हैं. याची का कहना था कि तमाम ऐसे अभ्यर्थियों को गृह जनपद आवंटित किया गया है, जिन्होंने याची से कम अंक प्राप्त किए हैं.

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Published : Apr 25, 2022, 8:55 PM IST

लखनऊ :इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती मामले में बिजनौर जिले के अनुसूचित जाति के याची को गृह जनपद आवंटित करने की मांग में दाखिल याचिका पर राज्य सरकार व विपक्षियों से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है. याची का कहना था कि तमाम ऐसे अभ्यर्थियों को गृह जनपद आवंटित किया गया है, जिन्होंने याची से कम अंक प्राप्त किए हैं.

याचिका में सचिव उप्र बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज को क्वालिटी प्वाइंट अंक व जिला वरीयता के आधार पर पुनरीक्षित आवंटन सूची जारी करने का समादेश जारी करने की मांग की गई है. इस मामले की सुनवाई एक माह बाद होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव जोशी ने बिजनौर के अमित कुमार चौधरी की याचिका पर दिया है.

याचिका पर अधिवक्ता एम. ए. सिद्दीकी ने की बहस
अधिवक्ता एम. ए. सिद्दीकी ने कहा कि याची का कहना है कि सहायक अध्यापक भर्ती में याची चयनित हुआ है. उसे काउंसिलिंग के बाद शाहजहांपुर जिला आवंटित किया गया है. नियुक्ति पत्र भी जारी कर दिया गया है, याची को 62.5 क्वालिटी प्वाइंट अंक प्राप्त हुए हैं. जबकि विपक्षी संख्या 4 से 14 ने उससे कम अंक प्राप्त किए हैं फिर भी उन्हें गृह जनपद आवंटित किया गया है.

कोर्ट ने इन विपक्षियों को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याची का यह भी कहना है कि अनुसूचित जाति की 1133 सीटें अभी भी खाली हैं. इसलिए याची को गृह जनपद बिजनौर आवंटित किया जाए, कोर्ट ने मामले को विचारणीय माना है.

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