लखनऊ :सम्पत्ति विवाद को लेकर हत्या करने के आरोपी इकबाल बहादुर खान समेत चार आरोपियों को अपर सत्र न्यायाधीश पुष्कर उपाध्याय ने दोषी करार देते हुए, आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने प्रत्येक पर 15-15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने कहा है कि जुर्माने की धनराशि अदा न करने पर प्रत्येक आरोपी को तीन-तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.
चार आरोपियों को कोर्ट ने दी उम्रकैद की सजा, 20 वर्ष पहले हजरतगंज में हुई थी हत्या
सम्पत्ति विवाद को लेकर हत्या करने के आरोपी इकबाल बहादुर खान समेत चार आरोपियों को अपर सत्र न्यायाधीश पुष्कर उपाध्याय ने दोषी करार देते हुए, आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने प्रत्येक पर 15-15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.
कोतवाली हजरतगंज से सम्बंधित इस मामले में जिन चार आरोपियों को उम्रकैद की सजा दी गई है, उनमें लखनऊ के इकबाल बहादुर खान, विक्रम सिंह राणा व मोहम्मद असलम तथा जनपद बलरामपुर निवासी साजिद अहमद खान शामिल हैं. सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता कृष्ण कुमार साहू का तर्क था कि इस मामले की रिपोर्ट राम कृष्ण होटल हजरतगंज के मैनेजर आनंद कुशवाहा ने कोतवाली हजरतगंज में दर्ज कराई थी. बहस के दौरान अदालत को बताया गया कि थाना हजरतगंज में दर्ज रिपोर्ट में कहा गया कि 12 सितंबर 2002 को होटल के कमरा नंबर 25 में चारों में से एक अभियुक्त दिल्ली निवासी राजेश त्रिपाठी के नाम से ठहरा था तथा 13 सितम्बर की शाम को 6 बजे कमरे की चाबी काउंटर पर छोड़ कर दो लोगों के साथ यह कह कर गए कि अगर कोई मैसेज आया तो उसे नोट कर लेना. कहा गया कि शाम छह बजे जब होटल का सफाई कर्मी सफाई करने गया तो देखा कि कमरे के अंदर एक आदमी खून से लथपथ पड़ा है. इस मामले की विवेचना तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक सोमदत्त शर्मा द्वारा की गई तथा विवेचना के दौरान यह पाया गया कि फर्जी आईडी के जरिए होटल का कमरा बुक कराया गया और उस कमरे में संपत्ति के विवाद को लेकर प्रभात चंद्र मिश्रा को बुलाकर उसकी हत्या कर दी गई.
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