लखनऊ: भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज विनय कुमार सिंह ने उत्तर प्रदेश वन निगम के तत्कालीन सहायक लेखाकार मुकेश कुमार निगम को रिश्वत के एक मामले में दोष सिद्ध करते हुए चार साल की कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने अभियुक्त पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. अभियुक्त पर बिल पास करने के एवज में 10 हजार रुपये की रिश्वत लेने का आरोप था.
सरकारी वकील अभय त्रिपाठी के मुताबिक अभियुक्त अपने ही विभाग के एक कर्मचारी का विभागीय बिल पास करने के एवज में 60 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा था. दिनांक 14 सितंबर 2015 को अभियुक्त के खिलाफ वन निगम के लॉगिंग सहायक जय सिंह ने शिकायत दर्ज कराई थी. वादी ने विभाग में दो लाख 61 हजार 201 रुपये का बिल जमा किया था, लेकिन अभियुक्त आला अधिकारियों के नाम पर उससे रिश्वत के तौर पर 60 हजार रुपये की मांग कर रहा था.