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फर्जी लोन के मामले में डॉक्टर को चार साल की कैद

कोर्ट ने फर्जी लोन के मामले में एक डॉक्टर को चार साल की कारावास की सजा सुनाई है. डॉ. सूर्य भान सिंह ने फर्जी प्रपत्रों के आधार पर इलाहाबाद में एसबीआई की हाईकोर्ट ब्रांच से नौ लाख 45 हजार रुपये का हाउसिंग लोन मंजूर कराया था.

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Published : Dec 10, 2020, 8:19 PM IST

डॉ. सूर्यभान सिंह को कारावास की सजा
डॉ. सूर्यभान सिंह को कारावास की सजा

लखनऊ:सीबीआई के विशेष जज प्रदीप सिंह ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए बैंक से हाउसिंग लोन लेने के मामले में डॉ. सूर्यभान सिंह को चार साल कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने साथ ही उस पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने यह आदेश सीबीआई की अपील को आंशिक रुप से मंजूर करते हुए सुनाया है. 30 अप्रैल, 2019 को निचली अदालत ने इस मामले में अभियुक्त को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था. निचली अदालत के इस फैसले को सीबीआई ने अपील के जरिए चुनौती दी थी.

सीबीआई के लोक अभियोजक विनीत कुमार के मुताबिक वर्ष 2003 में सूर्य भान सिंह ने फर्जी प्रपत्रों के आधार पर इलाहाबाद में एसबीआई की हाईकोर्ट ब्रांच से नौ लाख 45 हजार रुपये का हाउसिंग लोन मंजूर कराया था, जबकि अभियुक्त के प्लाट का वास्तविक मूल्यांकन सिर्फ 74 हजार रुपए का हुआ था. यह भी आरोप था कि इस लोन का उपयोग भवन निर्माण में भी नहीं किया गया था. इस मामले में अभियुक्त के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 468 व 471 के तहत आरोप पत्र दाखिल हुआ था.

निचली अदालत में इस मुकदमे के विचारण के दौरान अभियुक्त द्वारा लोन चुकता कर दिया गया था, लेकिन सीबीआई का तर्क था कि लोन चुकाने का लाभ अभियुक्त को नहीं दिया जा सकता. सीबीआई की विशेष अदालत ने दोनों पक्षो की सुनवाई के बाद अपील को आंशिक रुप से मंजूर करते हुए अभियुक्त को आईपीसी की धारा 420 में दोषमुक्त किया, जबकि 468 और 471 में दोषी करार दिया है.

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