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lucknow news: दोस्त की हत्या के आरोपी की जमानत कोर्ट ने की खारिज - लखनऊ की ताजी खबर

लखनऊ में दोस्त की हत्या के आरोपी की जमानत को खारिज कर दिया है. चलिए जानते हैं पूरे मामले के बारे में.

lucknow news: दोस्त की हत्या के आरोपी की जमानत कोर्ट ने की खारिज
lucknow news: दोस्त की हत्या के आरोपी की जमानत कोर्ट ने की खारिज

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Published : Jan 20, 2023, 8:34 PM IST

लखनऊः साथी के साथ मिलकर अपने दोस्त की हत्या करने व शव को छिपाने के आरोपी अजय भार्गव की जमानत अर्जी सत्र अदालत ने खारिज कर दी है. अभियुक्त पर आरोप है कि मृतक द्वारा अभियुक्त से अपना लैपटॉप वापस मांगने पर उसने उसकी हेलमेट से सिर पर वार करके हत्या कर दी.


अदालत में जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दुष्यंत मिश्रा एवं अरुण पांडे का तर्क था कि वादी विजय कुमार सिंह ने 21 नवंबर 2022 को बख्शी का तालाब थाने में रिपोर्ट लिखाई थी कि उसका बेटा अनुराग सिंह 19 नवंबर को दोपहर 2:00 बजे लैपटॉप बनवाने के लिए घर से निकला था लेकिन जब वह वापस नहीं आया तो उसे फोन किया गया. फोन रिसीव ना होने पर उसे तलाशा गया, फिर भी कुछ पता नहीं चल सका. अदालत को बताया गया कि अगले दिन बख्शी का तालाब थाने से दो सिपाही उनके बेटे की मृत्यु की सूचना देने आए तथा बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. वादी जब घटनास्थल पर पहुंचा तो वहां लोगों ने बताया कि झाड़ियों में शव औंधे मुंह पड़ा हुआ था. अर्जी के विरोध में यह भी कहा गया है कि जब थाना खैराबाद के करबलापुरम निवासी अभियुक्त अजय भार्गव को गिरफ्तार किया गया तो उसके पास से मृतक का मोबाइल फोन बरामद हुआ था तथा अभियुक्त ने बताया कि उसने अपने सहयोगी के साथ मिलकर हेलमेट से चोट पहुंचा कर हत्या की है. इसके बाद शव को किसान पथ के पास झाड़ियों में फेंक दिया. अदालत ने कहा है कि आरोप की गंभीरता को देखते हुए अभियुक्त को जमानत पर छोड़ा जाना उचित नहीं है.

करोड़ों रुपये हड़पने के मामले में अग्रिम जमानत अर्जी खारिज
वहीं एक अन्य मामले में धोखाधड़ी और कूटरचना करके कंपनी के 6 करोड़ रुपये खाते में लेकर हड़पने के आरोपी कुलविंदर सिंह बैंस की अग्रिम जमानत अर्ज़ी को ज़िला जज संजय शंकर पांडेय ने ख़ारिज कर दिया. कोर्ट में सरकारी वकील मनोज त्रिपाठी ने जमानत का विरोध करते हुए बताया की वादी प्रशांत सिंह ने गोमती नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी की उसकी कंपनी में वंदना यादव और विवेक यादव हिस्सेदार है वही मनोज कुमार सिंह सीए और तुषार नागर ऑडिटर हैं. बताया कि आरोपी ने आपस में मिलीभगत करके धोखाधड़ी और कूटरचना करके नवम्बर 2014 से फ़रवरी 2015 के बीच कंपनी के खाते से 6 करोड़ रुपये आरोपी कुलविंदर सिंह के खाते में स्थानांतरित किए, जिस पर वादी ने एक विधिक नोटिस दी तो उसे केवल दस लाख रु वापस किए गए बाक़ी की रक़म हड़प ली गई.

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