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ब्लू थ्री कम्पनी के निदेशकों की जमानत अर्जी खारिज - लखनऊ लेटेस्ट न्यूज

अदालत के समक्ष जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दुष्यंत मिश्रा एवं अरुण पांडे का तर्क था कि, इस घटना की रिपोर्ट 4 अप्रैल 2020 को राजेश कुमार, अजय कुमार मौर्य, गजोधर प्रसाद सहित तमाम लोगों ने गाजीपुर थाने पर मैसर्स ब्लू थ्री ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी एवं ब्लू मार्ट इंटरप्राइजेज के डायरेक्टर, प्रमोटर, संरक्षक सहित कई लोगों के विरुद्ध दर्ज कराई थी.

लखनऊ जिला न्यायालय.
लखनऊ जिला न्यायालय.

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Published : Dec 21, 2021, 10:23 AM IST

लखनऊ : आकर्षक ब्याज और सैलरी का प्रलोभन देकर बेरोजगारों से करोड़ों रुपये जमा करा के ठगी करने के आरोपी ब्लू थ्री ट्रेंडिंग कम्पनी के निदेशकों प्रवीण कुमार एवं घनश्याम यादव की अग्रिम जमानत अर्जी अपर सत्र न्यायाधीश पद्माकर मणि त्रिपाठी ने खारिज कर दी है.

अदालत के समक्ष जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दुष्यंत मिश्रा एवं अरुण पांडे का तर्क था कि, इस घटना की रिपोर्ट 4 अप्रैल 2020 को राजेश कुमार, अजय कुमार मौर्य, गजोधर प्रसाद सहित तमाम लोगों ने गाजीपुर थाने पर मैसर्स ब्लू थ्री ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी एवं ब्लू मार्ट इंटरप्राइजेज के डायरेक्टर, प्रमोटर, संरक्षक सहित कई लोगों के विरुद्ध दर्ज कराई थी.

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आरोप है कि शिकायतकर्ता बेरोजगार हैं तथा अभियुक्तों ने 5% आकर्षक ब्याज दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये जमा कराए. बाद में लालच दिया कि यदि वह अपने रिश्तेदारों एवं मित्रों से धन राशि निवेश कराते हैं तो उन्हें सैलरी भी दी जाएगी. कहा गया है कि लगभग 200 करोड़ रुपये जमा कराकर कंपनी में ताला लगा कर भाग गए. यह भी कहा गया है कि यह दोनों आरोपी डायरेक्टर हैं.

नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने के मामले में मांगी रिपोर्ट

नौकरी देने के नाम पर लाखों रुपये हड़प कर धोखाधड़ी करने के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रवि कुमार गुप्ता ने थाना गोमती नगर से 20 जनवरी के लिए रिपोर्ट तलब की है. रिपोर्ट दर्ज कराए जाने की मांग वाली यह अर्जी वादी प्रखर सिंह ने मैग्नम एड्डकोपोर्टेश के प्रभजोत सिंह के विरुद्ध अदालत में दाखिल की गई है. इस पर आरोप लगाया है कि वादी ने गूगल के माध्यम से संपर्क किया.

कहा गया है कि अभियुक्त ने कहा था कि ट्रेनिंग पूरी होने पर उसे 3 लाख रुपये की सालाना नौकरी दी जाएगी. यह भी आरोप लगाया गया है कि प्रशिक्षण कोर्स पूरा होने के उपरांत न तो उसे नौकरी दी गई और न हीं पैसा वापस किया गया. जबकि प्रशिक्षण के पूर्व उससे 70 हजार रुपये जमा कराए गए थे. आरोप है कि गत 16 नवंबर को जब वादी अभियुक्त से मिलने संस्थान गया तो उसने कर्मचारियों से धक्के दिला कर भगा दिया एवं धमकी दी.

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