उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

मुखर्जी नगर विवाद: कांस्टेबल के खिलाफ FIR दर्ज न करने पर कोर्ट ने पुलिस को फटकारा

याचिका मनजीत सिंह चुग ने दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि कांस्टेबल सचिन भाटी ने मुखर्जी नगर में ऑटो चालक और उसके नाबालिग बेटे के साथ घटी घटना पर ट्वीट कर कहा था कि 1984 जैसा वाकया दोहराना पड़ेगा.

कांस्टेबल के खिलाफ FIR दर्ज न करने पर कोर्ट ने पुलिस को फटकारा

By

Published : Sep 19, 2019, 4:07 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की साकेत कोर्ट ने मुखर्जी नगर सिख ड्राइवर पिटाई मामले में फेसबुक पर विवादित पोस्ट करने वाले पुलिसकर्मी सचिन भाटी के खिलाफ उचित धाराओं में केस ना दर्ज करने के लिये जांच अधिकारी को फटकार लगाई है. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को मामले में स्टेटस रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है.

पिछले 18 जुलाई को दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि कांस्टेबल सचिन भाटी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है. पिछले 26 जून को सचिन भाटी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग करनेवाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से एक्शन टेकन रिपोर्ट तलब किया था. जिसके बाद आज दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि सचिन भाटी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है.

याचिका मनजीत सिंह चुग ने दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि कांस्टेबल सचिन भाटी ने मुखर्जी नगर में आटो चालक और उसके नाबालिग बेटे के साथ घटी घटना पर ट्वीट कर कहा गया था कि 1984 जैसा वाकया दोहराना पड़ेगा. ऐसा कर सचिन भाटी ने लोगों की भावनाएं भड़काने का काम किया है.

दिल्ली पुलिस और केंद्रीय गृह मंत्रालय को मिला था नोटिस

आपको बता दें कि पिछले 19 जून को दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस और केंद्रीय गृह मंत्रालय को नोटिस जारी किया था. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त और गृह मंत्रालय से एक हफ्ते के अंदर इस मामले की स्टेटस रिपोर्ट तलब किया था जिसके बाद पुलिस ने बताया था कि दस पुलिसकर्मियों के ट्रांसफर कर दिए गए.

पिछले 19 जून को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने आटो चालक के बच्चे पर हमले को लेकर दिल्ली पुलिस की खिंचाई की थी हाईकोर्ट ने कहा था कि हमारी चिंता नागरिकों की सुरक्षा है और ये सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि पुलिस बल उनके साथ हैं खासकर बच्चों के साथ. कोर्ट ने मीडिया से कहा था कि नाबालिग की पहचान उजागर नहीं होनी होनी चाहिए. हाईकोर्ट ने कहा था कि दिल्ली पुलिस में बेहतर अफसर हैं लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो अपने आप पर नियंत्रण नहीं रख सकते हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details