लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) से पूछा है कि हरदोई रोड की बसंत कुंज योजना में आश्रयहीनों के लिए बने मकानों पर अवैध कब्जे को हटाने के सम्बंध में क्या कार्रवाई की गई है और वास्तविक आवंटियों को कब्जा दिए जाने की क्या स्थिति है. न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 अक्टूबर की तिथि नियत करते हुए एलडीए को इस सम्बंध में शपथ पत्र दाखिल करने का आदेश दिया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने आश्रयहीन भवनों पर अतिक्रमण शीर्षक से दर्ज स्वतः संज्ञान जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया है. दरअसल एक मकान की आवंटी पुष्पा देवी ने मामले में याचिका दाखिल कर आश्रयहीन योजना के तहत उसे आवंटित मकान पर कब्जा दिलाए जाने की मांग की थी. याची को कब्जा देने व 10 हजार रुपये का एलडीए पर हर्जाना लगाने के साथ-साथ उक्त याचिका में उठाए गए मुद्दे पर न्यायालय ने स्वतः संज्ञान जनहित याचिका दर्ज करने का आदेश 26 सितंबर 2018 को दिया था. न्यायालय ने मामले पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा भी था कि असामाजिक तत्वों द्वारा इस प्रकार के अवैध कब्जों का कारण समझना मुश्किल नहीं है. जिला व पुलिस प्रशासन और एलडीए के अधिकारी यदि सतर्क होते तो ऐसा नहीं हो सकता था. न्यायालय ने यह भी टिप्पणी की थी कि इन अवैध कब्जों की अनुमति देने में एलडीए अधिकारियों की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता.