लखनऊः राजधानी में फिरौती की रकम न मिलने पर बुजुर्ग की हत्या करने के मामले में अभियुक्त अजय राजभर और शिव सिंह को फास्ट ट्रैक कोर्ट के अपर सत्र न्यायाधीश फूल चन्द्र कुशवाहा ने आजीवन कारावास और प्रत्येक को 34-34 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है. अदालत के सामने जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज त्रिपाठी और वादी के विशेष अधिवक्ता सुनील द्विवेदी ने तर्क दिया कि घटना की रिपोर्ट वादी सुरेंद्र सिंह यादव ने सरोजनी नगर थाने में 18 मई 2016 को दर्ज कराई थी.
इस रिपोर्ट में बताया गया था कि उसके पिता रघुराज सिंह यादव 17 मई 2016 को मोटर साइकिल से काम से गए थे और रात तक नहीं आये. इससे परेशान अगले दिन वादी ने अपने पिता को फोन किया तो फोन बंद था. इसके बाद वादी को पता चला कि उसके पिता पैतृक गांव में दिखे थे. जिस पर वादी अपने पैतृक गांव अनौरा गया तो घर के अंदर से बदबू आ रही थी. जिसके बाद उसने इसकी जानकारी पुलिस को दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने कमरे का ताला खोला तो पता चला कि वादी के पिता की लाश चारपाई पर बंधी पड़ी थी. विवेचना के दौरान ही वादी के रिश्तेदारों ने बताया कि उनके फोन पर मृतक के फोन से अभियुक्तों ने फोन करके साढ़े चार लाख रुपये की मांग की थी और मांग पूरी न होने पर रघुराज सिंह की हत्या कर दी.