लखनऊ: यूपी में शुक्रवार को देश का सबसे बड़ा सीरो सर्वे शुरू हो गया है. 8 दिन तक चलने वाले सर्वे में 64 हजार लोगों के खून के नमूने लिए जाएंगे. इनका अध्ययन कर राज्य में कोरोना संक्रमण के सामुदायिक प्रसार का आकलन किया जाएगा. यह स्टडी तीसरी लहर से निपटने की बनने वाली योजना में काम आएगी.
सीरो सर्वे का उद्देश्य
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद के मुताबिक, शुक्रवार को 75 जनपदों में सीरो सर्वे शुरू कर दिया गया. यह देश की सबसे बड़ी सीरो स्टडी है. 11 जून तक विभिन्न जनपदों से 65 हजार सैम्पल संग्रह किए जाएंगे. इसके बाद लैब में खून की जांच कर उनमें एंटीबॉडी देखी जाएगी. अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल के मुताबिक, सीरो सर्वे काफी लाभदायक साबित होगा. इसमें किस इलाके में, कितनी आबादी संक्रमित हो चुकी है, उनमें एन्टीबॉडी बन चुकी है या नहीं, इसका पता चल जाएगा. जिन इलाकों में एंटीबॉडी में कमी पाई जाएगी, वहां संक्रमण का खतरा बना रहेगा. ऐसे में उस जनपद में वैक्सीनेशन कराकर कोरोना के खतरे को टाला जा सकेगा.
केजीएमयू को बनाया गया नोडल सेंटर
प्रदेश में पिछले साल पहली लहर में सीरो सर्वे कराया गया था. इसमें 11 जनपदों के लोगों का रैंडम खून का नमूना लिया गया. इन सैम्पल की जांच केजीएमयू में हुई थी. इस बार सभी 75 जनपदों में सर्वे हो रहा है. इसका फिर नोडल सेंटर केजीएमयू बनाया गया है.