लखनऊ:उत्तर प्रदेश में संचालित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (Dr. A.P.J. Abdul Kalam Technical University) के इंजीनियरिंग मैनेजमेंट कॉलेजों में दाखिले के लिए गुरुवार से होने वाली काउंसलिंग टाल दी गई है. अब यह काउंसलिंग अगले सप्ताह से होने की उम्मीद जताई जा रही है. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से जेईई मेंस (JEE Mains) के नतीजे जारी करने में हुई देरी के चलते यह फेरबदल किया गया है.
UPCET: इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजों की काउंसलिंग टली, जानें
उत्तर प्रदेश में संचालित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (Dr. APJ Abdul Kalam Technical University) के इंजीनियरिंग मैनेजमेंट कॉलेजों में दाखिले के लिए गुरुवार से होने वाली काउंसलिंग टाल दी गई है. अब यह काउंसलिंग अगले सप्ताह से होने की उम्मीद जताई जा रही है.
वहीं, एकेटीयू के बी फार्मा (B Pharma) समेत कई पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से कराई गई प्रवेश परीक्षा यूपी सीईटी (UP CET) के नतीजे भी अभी तक जारी नहीं हो पाए हैं. एकेटीयू के प्रवक्ता आशीष मिश्रा ने बताया कि जल्द ही संशोधित कार्यक्रम घोषित कर दिया जाएगा. बता दें, प्रदेश के करीब साढ़े 700 इंजीनियरिंग मैनेजमेंट कॉलेजों में दाखिले के लिए 7 चरणों में काउंसलिंग कराई जाएगी.
काउंसलिंग के दौरान अगर कोई कॉलेज आवंटित होता है और आप उस में दाखिला नहीं लेना चाहते हैं, तो अभ्यर्थियों को दो विकल्प मिलेंगे. अभ्यर्थी या तो 'फ्रीज' का विकल्प चुनकर सीट कंफर्म कर सकते हैं या फिर 'फ्लोट' का विकल्प चुनकर अगले चरण में जा पाएंगे. अभ्यर्थियों की सहूलियत को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से यह विकल्प दिए गए. फ्लोट का विकल्प चुनने वाले अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के अगले चरण में शामिल होने का मौका मिल जाएगा.
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (Dr. A.P.J. Abdul Kalam Technical University) के कुलपति प्रो. विनीत कंसल ने बताया कि आरक्षण का लाभ पाने के लिए अभ्यर्थियों की ओर से दस्तावेज प्रस्तुत किए जाने अनिवार्य होता है. कई बार निर्धारित समय सीमा के अंदर दस्तावेज न बनवाए जाने के कारण अभ्यर्थियों को काउंसलिंग में आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाता है. ऐसे में बेहद जरूरी है कि सभी दस्तावेज निर्धारित समय सीमा की ही होनी चाहिए.
अन्य पिछड़ा वर्ग अभ्यर्थियों द्वारा काउंसलिंग के समय निर्धारित प्रारूप पर 31 मार्च 2021 के पश्चात निर्गत प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा. विश्वविद्यालय प्रशासन ने साफ किया है कि 1 अप्रैल 2021 के पूर्व की तिथि को जारी किए गए प्रमाण पत्र स्वीकार नहीं होंगे.
ओबीसी के अतिरिक्त अन्य श्रेणी के अभ्यर्थियों के द्वारा काउंसलिंग के समय राज्य सरकार या भारत सरकार के द्वारा अद्यतन निर्धारित प्रारूप पर निर्गत प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा.