UP NEET UG 2023 : 25 से शुरू होगी नीट काउंसलिंग, जानिए खास बातें - काउंसिलिंग शेड्यूल घोषित
यूपी में एमबीबीएस व बीडीएस की सीटों के लिए काउंसिलिंग शेड्यूल घोषित कर दिया गया है. इन सीटों पर काउंसिलिंग प्रक्रिया 25 जुलाई 2023 से शुरू होकर 28 जुलाई तक जारी रहेगी.
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Published : Jul 24, 2023, 2:03 PM IST
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लखनऊ : प्रदेश में लगातार चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में सरकार बदलाव कर रही है. चिकित्सा के क्षेत्र में बेहतर व्यवस्था के लिए प्रदेश सरकार ने कई बड़े कदम उठाए हैं. हाल ही में 13 नए मेडिकल कॉलेज प्रदेश में स्थापित हो रहे हैं. साल 2008 के बाद से लगातार बदलाव हो रहा है और एमबीबीएस की सीटों में भी बढ़ोतरी हुई है. फिलहाल 25 जुलाई से नीट की काउंसिलिंग शुरू हो रही है. देश के मेडिकल और डेंटल कॉलेजों की 1,07,658 एमबीबीएस, 27868 बीडीएस, 52720 आयुष और 603 पशु चिकित्सा सीटों पर प्रवेश के लिए नीट परीक्षा बीते 7 मई 2023 को आयोजित हुई थी.
शिक्षाविद् शहनवाज़ खान ने कहा कि 'ऑल इंडिया लेवल पर नीट की काउंसलिंग पहले से ही शुरू है, वहीं स्टेट के मेडिकल कॉलेजों की काउंसिलिंग 25 जुलाई से शुरू होने जा रही है. पहले रजिस्ट्रेशन होगा फिर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन होगा, फिर उसके बाद एडमिशन होगा. ऑल ओवर इंडिया में मेडिकल कॉलेजों की संख्या कुल 702 है. इसमें से उत्तर प्रदेश में मौजूदा समय में कुल 44 मेडिकल कॉलेज हैं. यूपी में 13 नए मेडिकल कॉलेजों के प्रपोजल हैं जोकि अभी पेंडिंग हैं. जिसका काम अभी चल रहा है.
25 से शुरू होगी नीट काउंसलिंग
काउंसिलिंग के दौरान इन बातों का रखें ख्याल :शिक्षाविद् शहनवाज़ खान ने कहा कि 'अगर जनरल कैटेगरी का स्टूडेंट्स है तो उसे बहुत ज्यादा डॉक्यूमेंट की जरूरत नहीं है. उसे बस मार्कशीट, कैरेक्टर सर्टिफिकेट और एडमिट कार्ड लेकर जाना होगा और अगर कोई रिजर्व कैटेगरी का स्टूडेंट्स है तो चाहे वह ओबीसी, एससी, ईडब्ल्यूएस, पीएच और एसटी है तो उसे सर्टिफिकेट बनवा लेना चाहिए. पहली अप्रैल 2023 के बाद का सर्टिफिकेट होना चाहिए.
2008 के बाद बढ़ी सीटें :शिक्षाविद् शहनवाज़ खान ने बताया कि 'चिकित्सा शिक्षा जगत में तेजी से बदलाव हुआ है. यही कारण है कि इसे एक क्रांतिकारी बदलाव के रूप में भी देखा जा रहा है. वर्ष 2008 के बाद से क्रांतिकारी बदलाव हुआ है. पहले एमबीबीएस की सीटें बेहद कम थीं, साल 2008 के बाद से एमबीबीएस की सीटों में बढ़ोतरी हुई है. मौजूदा समय में कुल लगभग पांच हजार सीटें हैं. पिछली सरकार में भी ठीक काम हुआ था, लेकिन साल 2008 के बाद से चिकित्सा शिक्षा जगत में तेजी से बदलाव देखने को मिला है. इस बीच बहुत क्रांतिकारी परिवर्तन आया है. 25 से अधिक नए मेडिकल कॉलेज उत्तर प्रदेश में बने हैं. सरकार की मंशा है कि 80 डिस्ट्रिक और 80 मेडिकल कॉलेज होने चाहिए, जिसे सरकार जल्द से जल्द पूरा करना चाह रही है. मौजूदा समय में अभी 13 नए मेडिकल कॉलेज को लेकर उत्तर प्रदेश में काम चल रहा है और क्रियाशील हैं. इसी का नतीजा है कि पहले केवल 650 एमबीबीएस की सीट थी, जो मौजूदा समय में लगभग पांच हजार पहुंच गई हैं, वहीं 13 नए मेडिकल कॉलेज बन जाने के बाद अनुमान है कि लगभग छह हजार सीटें हो जाएंगी.'