लखनऊः उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. राज्य निर्वाचन आयोग ने इसके लिए अधिसूचना भी जारी कर दी है. 26 जून को नामांकन होंगे तो 3 जुलाई को मतगणना होगी. अधिसूचना जारी होने के साथ ही सभी जिलों में धनबल और बाहुबल के दम पर जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव जीतने की भरपूर कोशिश शुरू हो गई है. जिलों में जिला पंचायत सदस्य की बकायदा बोली भी लग रही है.
20 लाख से लेकर एक करोड़ तक है रेट
ईटीवी भारत को विश्वस्त सूत्रों से कई जिलों से मिली जानकारी के अनुसार, जिला पंचायत अध्यक्ष पद के दावेदार इस समय धनबल और बाहुबल का भरपूर उपयोग कर रहे हैं. जिससे उनका जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा हो सके. सूत्रों का दावा है कि एक-एक जिला पंचायत सदस्य की बोली 20 लाख रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये तक लगाई जा रही है.
जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव, रिपोर्ट
जिला पंचायत सदस्यों पर लगातार रखी जा रही है नजर
जिला पंचायत अध्यक्ष पद के दावेदारों की तरफ से बकायदा न सिर्फ पैसा दिया जा रहा है, बल्कि कई अन्य तरह से भी उन्हें ऑब्लाइज किया जा रहा है. कई जगहों पर पैसे के साथ-साथ महंगी गाड़ियां भी दी जा रही है. बता दें कि जिला पंचायत सदस्य के चुनाव जीतने के बाद उनको सर्टिफिकेट दिए जा चुके हैं इसके बाद से अध्यक्ष पर के उम्मीदवार उनका सर्टिफिकेट अपने पास रख लिए हैं और लगातार इन जिला पंचायत सदस्यों पर नजर रख रहे हैं, जिससे उनकी जिला पंचायत अध्यक्ष बनने की ख्वाहिश में किसी प्रकार का कोई भी रोड़ा ना अटकने पाए.
पढ़ें-यूपी पंचायत चुनाव में सपा पदाधिकारियों का हो रहा उत्पीड़न: पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी
सरकार और संगठन ने कसी है जिला पंचायत अध्यक्ष जिताने को लेकर कमर
जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव जीताने को लेकर उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रखी है. सरकार के मंत्रियों को बकायदा ज्यादा से ज्यादा जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष जिताने की जिम्मेदारी दी गई है. उत्तर प्रदेश सरकार और संगठन के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक भी हुई थी, जिसमें 60 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष जिताने का दावा किया गया है. उत्तर प्रदेश के विपक्षी दलों की तरफ से जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी सरकार पर साम, दाम, दंड, भेद की रणनीति अपनाने के आरोप लगाए जा रहे हैं.
कई जिलों में सदस्यों की खरीद-फरोख्त के वायरल हो चुके हैं ऑडियो
ईटीवी भारत को विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि एक-एक जिला पंचायत सदस्य की कीमत 20 लाख रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये तक लगाई जा रही है. उनके साथ पैसे का लेनदेन किया जा रहा है. इसको लेकर कई दिनों जिलों में वायरल हुई ऑडियो से इसकी पुष्टि हुई है. मुरादाबाद में जिला पंचायत सदस्यों की खरीद-फरोख्त और अधिक पैसा देने वाले की तरफ झुकाव को लेकर एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें जिला पंचायत सदस्य के रेट सार्वजनिक हुए थे.
निर्वाचन आयोग उत्तर प्रदेश
स्कॉर्पियो और बोलेरो गाड़ी भी दी जा रही है गिफ्ट में
कई जिलों में जिला पंचायत सदस्यों को कुछ पैसों के साथ-साथ स्कॉर्पियो और बोलेरो गाड़ी भी दी जा रही है. सीधे पैसे देने से बचने को लेकर इस तरह के महंगे गिफ्ट भी दिए जा रहे हैं. इसको लेकर बकायदा कई जगहों पर बातचीत के ऑडियो भी पिछले दिनों वायरल हुए थे. अपने पक्ष में जिला पंचायत सदस्यों को लाने को लेकर कुल जिला पंचायत सदस्यों की संख्या के आधे सदस्य साथ में होना जरूरी है. ऐसे में जिस जिले में जितने जिला पंचायत सदस्य हैं उस आधार पर लोगों की खरीद-फरोख्त की जा रही है.
पढ़ें-महिला आरक्षित सीट पर जीता पुरुष प्रत्याशी, पढ़िए पूरा मामला...
लखनऊ से सटे हुए एक जिले में एक करोड़ रुपये रेट
लखनऊ से सटे हुए एक जिले में भारतीय जनता पार्टी के जिला पंचायत अध्यक्ष पद को लेकर एक पंचायत सदस्य को एक करोड़ देने की बात सामने आई है. दावेदारी कर रहे और पूर्व में जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके नेता नाम ना लिखने की शर्त पर कहते हैं कि हमारे जिले में एक जिला पंचायत सदस्य का रेट करीब एक करोड़ रुपये है. हमने कुछ पैसा कैश भी दिया है. गिफ्ट के रूप में गाड़ी भी दी हुई है. यह सिर्फ सदस्यों का समर्थन हासिल करने को लेकर होता है.
अध्यक्ष के चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी की भूमिका होती है महत्वपूर्ण
सूत्रों का कहना है कि प्रदेश में किस पार्टी की सरकार होती है उसकी ही जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव जिताने में भूमिका महत्वपूर्ण होती है. इसमें प्रशासन का दुरुपयोग करते हुए जिला पंचायत सदस्यों की धरपकड़ होती है और जिला पंचायत अध्यक्ष के जो सत्तारूढ़ पार्टी के दावेदार होते हैं उनके पक्ष में मतदान के लिए कहा जाता है. समर्थन के साथ-साथ उन्हें बाकायदा पैसे के रूप में और ऑब्लाइज किया जाता है.
सपा ने भाजपा पर लगाया है सत्ता के दुरुपयोग का आरोप
समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत सदस्यों की धरपकड़ के साथ समर्थन पाने के लिए बीजेपी पर सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाया है. समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र चौधरी व प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने पुलिस महानिदेशक से मिलकर सत्ता का दुरुपयोग करने और जिला पंचायत सदस्यों की धरपकड़ के साथ उन पर जबरन अपने प्रत्याशी को जिताने को लेकर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है.
क्या कहते हैं पूर्व न्यायाधीश जस्टिस सीबी पांडेय
चुनाव सुधार को लेकर पिछले काफी समय से काम करने वाले पूर्व न्यायाधीश जस्टिस सीबी पांडे ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में धनबल और बाहुबल का भरपूर दुरुपयोग किया जाता है. एक-एक जिला पंचायत सदस्य का समर्थन पाने और उसका वोट पाने को लेकर लाखों रुपये में सौदा किया जाता है. चुनाव आयोग को इस दिशा में गंभीरता से प्रयास किए जाने की जरूरत है. जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव भी जनता के माध्यम से कराए जाने की मांग की जा रही है. जिससे इस महत्वपूर्ण चुनाव में धनबल और बाहुबल का दुरुपयोग रोका जा सके.