लखनऊः आईएएस अधिकारी तुलसी गौड़ की जमानत अर्जी को भ्रष्टाचार निवारण के विशेष न्यायाधीश रमाकांत प्रसाद ने खारिज कर दिया है. इन पर उत्तर प्रदेश निर्यात निगम, उत्तर प्रदेश चर्म विकास और विपणन निगम के प्रबंध निदेशक रहने के दौरान बिना काम कराए अपनी पत्नी की फर्म को लाखों का भुगतान करने और पत्रावलियां गायब कर साक्ष्य मिटाने के आरोप हैं.
कोर्ट में सरकारी वकील प्रभा वैश्य और अभितेश मिश्र ने पूर्व आईएएस की ओर से दी गई जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि सतर्कता अधिष्ठान के निरीक्षक ने 27 जुलाई को 2005 को हजरतगंज में मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें बताया गया था कि शासन के आदेश पर उत्तर प्रदेश निर्यात निगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक और आईएएस अधिकारी तुलसी गौड़ जो कि उस समय उत्तर प्रदेश चर्म विकास और विपणन निगम के भी प्रबंध निदेशक थे.