लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अनलॉक-1 शुरू होने के बाद से लगातार कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिससे साफ हो जाता है कि सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस का सही तरीके से पालन नहीं करवा पाये. चार चरणों के लॉकडाउन खत्म होने के बाद 1 जून से अनलॉक-1 लागू हो गया था. सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार शाम 9:00 बजे तक ही दुकानें और लोगों को बाहर निकलने की इजाजत दी गई थी, लेकिन जिम्मेदार इसका सख्ती से पालन नहीं करवा पाए. सीएमओ दफ्तर से जारी रिपोर्ट ने चिंता बढ़ा दी है.
जिम्मेदारों ने किया गैर जिम्मेदाराना व्यवहार
लापरवाही का आलम ऐसा रहा कि जिम्मेदार संस्थाओं की तरफ से भी गैर जिम्मेदाराना व्यवहार किया गया, जिसकी वजह से राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी. हालात ऐसे हो चलें हैं कि जहां लखनऊ में लॉकडाउन के 70 दिनों में औसतन करीब 6 कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे थे, वहीं अनलॉक-1 में 553 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. यह आंकड़ा रोजाना प्रतिदिन मिलने वाले मरीजों से करीब 3 गुना ज्यादा है. कोरोना पॉजिटिव मरीजों में सबसे ज्यादा सुरक्षाकर्मी और सीएम हेल्पलाइन के कर्मचारी हैं.
सीएम हेल्पलाइन सेंटर में हुई चूक
सीएम हेल्पलाइन सेंटर में भी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी, लेकिन इस दौरान यह मालूम चला कि कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए कर्मचारियों ने अधिकारियों को आगाह किया था, लेकिन सीएम हेल्पलाइन सेंटर चलाने वाली संस्था की लापरवाही बनी रही. इसका नतीजा यह हुआ कि 90 से अधिक कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए गए.
इस पर जब ईटीवी भारत ने सीएम हेल्पलाइन सेंटर के कर्मचारियों से बातचीत की तो उनका कहना था कि उन्होंने ट्विटर के माध्यम से शासन-प्रशासन को जगाने के पूर्ण प्रयास किए थे, लेकिन हर जगह से उन्हें नाकामी ही हाथ लगी. उनकी एक न सुनी गई और संक्रमित मरीजों की जानकारी को अफवाह बताकर ऑफिस आने का दबाव बनाया गया.
सीएम हेल्पलाइन सेंटर चलाने वाली कंपनी को मिला नोटिस
अनलॉक-1 के दौरान लापरवाह रवैया अपनाने वाले निजी व सरकारी संस्थाओं को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से नोटिस भेजने का भी काम किया गया. इस दौरान लगभग 200 से अधिक अस्पतालों को कई बार 48 से 72 घंटे बंद करने के निर्देश व नोटिस थमाए गए. इसी दौरान सीएम हेल्पलाइन चलाने वाली संस्था के ऊपर एपिडेमिक एक्ट का उल्लंघन करने के आरोप के चलते स्वास्थ्य विभाग की तरफ से गैरजिम्मेदाराना व्यवहार को ध्यान में रखते हुए नोटिस थमाया गया.