लखनऊ: कोविड-19 महामारी से इस वक्त पूरा देश परेशान है. इस दौरान कोरोना वॉरियर्स दिन-रात मरीजों की सेवा में लगे हैं. इन नर्सों और हेल्थ केयर वर्कर्स ने ड्यूटी के अनुभव ईटीवी भारत से साझा किए हैं.
अपने अनुभव साझा करते कोरोना वॉरियर्स. केजीएमसी के सीएमएस डॉ. एस.एन. शंखवार ने बताया कि केजीएमयू में कोविड-19 के संक्रमण से बचाव और इलाज के लिए चार टीमें बनाई गई हैं.
पहली टीम-स्क्रीनिंग करती है. जो किसी भी व्यक्ति के कोरोनावायरस संदिग्ध होने पर उनकी थर्मल स्क्रीनिंग और अन्य जांच करती है.
दूसरी टीम-यह टीम 'ट्राइएज' एरिया में काम करती है. यहां पर ऐसे मरीजों को रखा जाता है जिनमें सांस संबंधी परेशानी पाई जाती है.
तीसरी टीम-आइसोलेशन की होती है, जहां कोरोनावायरस पॉजिटिव मरीज भर्ती होते हैं.
चौथी टीम-वेंटिलेटर यूनिट होती है. जिसमें गंभीर मरीज भर्ती किए जाते हैं. इन सभी जगहों पर अलग-अलग टीमें एक साथ काम करती हैं.
डॉ. एस.एन. शंखवार ने आगे बताया कि आइसोलेशन टीम और वेंटिलेटर टीम पहले 7 दिन एक्टिव क्वारंटाइन और अगले 14 दिनों तक पैसिव क्वारंटाइन के तहत काम करती हैं. इसके अलावा ट्राइएज टीम और स्क्रीनिंग एरिया की टीम 2 हफ्ते की ड्यूटी करने के बाद 2 हफ्ते के क्वारंटाइन की अवधि पूरी करती हैं.
हेल्थ केयर वर्कर्स में संक्रमण होने की बात लगातार सामने आ रही है. इस पर उन्होंने कहा कि संस्थान में यह सुनिश्चित किया जाता है कि किसी भी हेल्थ केयर वर्कर को संक्रमण न होने पाए. हमारे संस्थान में पहली कोरोना पॉजिटिव मरीज से हमारे रेजिडेंट डॉक्टर में संक्रमण हुआ था. उनका इलाज किया गया जिसके बाद उन्होंने पूरी तरह स्वस्थ होकर प्लाज्मा डोनेशन भी किया.
वहीं लैब टेक्नीशियन संदीप चौधरी का कहना है कि कोविड-19 की महामारी में देश की सेवा करने का एक अवसर मिला. जिसे उन्होंने पूरी शिद्दत से निभाया. उन्होंने बताया कि एक्टिव क्वारंटाइन के दौरान उनकी मां की तबीयत बिगड़ गई थी. इस दौरान उन्होंने अपने साथी के माध्यम से उन्हें मदद पहुंचाई.
कोविड-19 वार्ड में ही ड्यूटी कर चुकी नर्स अमिता श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना वॉरियर के तौर पर आइसोलेशन टीम में काम करना उनके लिए बेहद सुखद अनुभूति थी. एक्टिव क्वारंटाइन के दौरान उन्होंने घर से दूर रहकर वीडियो कॉलिंग के जरिये अपना जन्मदिन मनाया. जो उनके लिए बेहद यादगार पल रहा.
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