उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

Corona से लड़ने के लिए लखनऊ के अस्पतालों में वैक्सीन नहीं, 50% को नहीं लगी बूस्टर डोज

बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता ने बताया कि कोरोना वायरस को हराना है तो आम जनमानस को खुद जागरूक रहना है. सबसे महत्वपूर्ण है एहतियात. फिलहाल लखनऊ के सभी वैक्सीनेशन सेंटर में वैक्सीन नहीं है.

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Jan 15, 2023, 5:26 PM IST

कोरोना वैक्सीन के बारे में जानकारी देते बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सबसे घनी आबादी वाला राज्य है. इस समय कोरोना वैक्सीन का प्रदेश में बड़ा संकट हो गया है. एक तरफ दुनियाभर के तमाम देशों में कोरोना के मामलों में आई तेजी से मरीज कराह रहे हैं. वहीं यूपी की राजधानी लखनऊ में वैक्सीन नहीं है. बात करें यूपी में वैक्सीनेशन अभियान की तो यहां बूस्टर डोज लेने वालों की संख्या सिर्फ 4 करोड़ 48 लाख 94 हजार 738 हैं. प्रदेश की आधी से अधिक आबादी को बूस्टर डोज नहीं लगी है. बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता ने बताया कि फिलहाल वैक्सीन नहीं है. जल्द ही वैक्सीन अस्पताल में उपलब्ध होगी. इस बार शायद नेजल वैक्सीन आए. नेजल वैक्सीन को सिर्फ नाक स्प्रे करना है.

प्रदेश में अब तक कुल 39 करोड़ 6 लाख 81 हजार 791 वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी हैं. जिनमें से 15 करोड़ 40 लाख 61 हजार 806 लोगों को पहली डोज और 14 करोड़ 77 लाख 22 हजार 284 को दोनों डोज लगाई जा चुकी हैं. यूपी में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान 16 जनवरी 2021 से शुरू किया गया था. इस दौरान एक समय ऐसा भी रहा जब 24 घंटे में 30 लाख तक डोज लगाई गई. मौजूदा दौर में प्रदेशभर में एक दिन में महज 833 डोज ही लगाई जा रही है. वैक्सीन की किल्लत लगातार जारी है. वैक्सीन लगवाने के लिए जो व्यक्ति सेंटर जा रहे हैं, उन्हें बिना टीका लगवाए लौटना पड़ रहा है.

बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता ने बताया कि कोरोना वायरस को हराना है तो सबसे महत्वपूर्ण है एहतियात. फिलहाल लखनऊ के सभी वैक्सीनेशन सेंटर में वैक्सीन नहीं है. आम जनमानस को खुद जागरूक रहना है. कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना है. उन्होंने बताया कि कोविड वायरस का प्रभाव कम होने पर लोगों ने भी एहतियात बरतना कम कर दिया है. ऐसा बिल्कुल भी न करें. अब जितने भी कोविड के वैरिएंट आएंगे सभी के साथ हमें रहने की आदत डालनी होगी. वैक्सीनेशन को लेकर भी लोगों को जागरूक होना होगा. बहुत सारे लोगों ने अभी वैक्सीन नहीं लगवाई है.

प्रदेश में टीकाकरण के मामलों में करीब 14 फीसदी लोग ध्यान नहीं देते हैं. टीका लगवाने वाले लोगों में करीब 47 फीसदी लोग टीके के प्रतिकूल प्रभाव को लेकर चिंतित रहते हैं. एक सर्वे में यह खुलासा हुआ है, सर्वे को यूनिसेफ ने जारी किया है. प्रदेश में टीकाकरण कराने वालों की मनोदशा जानने के लिए हालिया दिनों में यूनिसेफ के सहयोग से एक कम्युनिटी सर्वे किया गया. इसमें करीब 98 हजार लोगों को शामिल किया गया. इनसे टीका कराने और टीका नहीं कराने से जुड़े कुछ सवाल पूछे गए. इस दौरान पता चला कि कुल टीकाकरण (बच्चों से जुड़े सभी टीके) कराने वाले लोगों में करीब 48 फीसदी लोग टीकाकरण के दुष्प्रभाव को लेकर चिंतित रहते हैं. उन्हें टीकाकरण कराने में काफी सोचना-समझना पड़ता है.

सर्वे के दौरान यह बात भी सामने आई कि करीब 14 फीसदी लोगों को टीके के फायदे और नुकसान को लेकर कोई खास चिंता नहीं रहती है. परिवार कल्याण महानिदेशक डॉ. रेनू वर्मा ने बताया कि टीकाकरण में लगी टीम को निर्देश दिया गया है कि टीकाकरण के वक्त उसके फायदे भी लोगों को बताए जाएं. अस्पताल आने वाली गर्भवती एवं अन्य लोगों को भी टीके के बारे में जानकारी दी जा रही है.

यह भी पढ़ेंः 16 जनवरी को 108 कंपनियां देंगी 13 हजार युवाओं को जाॅब

ABOUT THE AUTHOR

...view details