लखनऊ : यूपी ने मंगलवार को सरकार ने कोरोना के खिलाफ निर्णायक जंग शुरू कर दी है. इसके लिए मंगलवार से वैक्सीनेशन का महाअभियान (vaccination campaign) छेड़ दिया है. खासकर, कोरोना संक्रमण में राज्य में सबसे ज्यादा प्रभावित रहे लखनऊ में अस्पताल, दफ्तर से लेकर स्टेडियम तक में वैक्सीनेशन बूथ (vaccination booth) बनाए गए हैं, ताकि एक बड़ी आबादी को कवर किया जा सके. बूथ तक बुजुर्गों को ले आने के लिए बस सेवा भी शुरू की गई है.
यूपी में 15 जनवरी से कोरोना वैक्सीनेशन अभियान शुरू किया गया. पहले हेल्थ वर्कर के टीकाकरण का फैसला किया. इसके बाद फ्रंट लाइन वर्करों का वैक्सीनेशन शुरू किया गया. बाद में 60 वर्ष से ऊपर 45 साल से अधिक बीमार लोगों का वैक्सीनेशन किया गया. अब 45 साल से ज्यादा सभी लोगों का वैक्सीनेशन किया जा रहा है. साथ ही पांचवें चरण में 23 जनपदों में चल रहा 18 से 44 वर्ष तक के लोगों का टीकाकरण मंगलवार से 75 जनपदों में शुरू हो गया है.
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3.5 लाख डोज़ प्रतिदिन से पूरा होगा लक्ष्य
यूपी में छह हजार से अधिक केंद्र बनाए गए हैं. इसमें 60 के करीब निजी अस्पतालों में टीका लगेगा. सरकार ने जून में एक करोड़ डोज़ लगाने का लक्ष्य तय किया है. स्टेट इम्यूनाइजेशन ऑफिसर डॉ. अजय घई के मुताबिक यह लक्ष्य 3.5 लाख डोज़ रोज लगाकर पूरा किया जाएगा.
प्रदेश भर में कोरोना टीकाकरण महाअभियान शुरू सरकारी में मुफ्त, निजी अस्पतालों में 1260 तक शुल्कसरकारी अस्पतालों में मुफ्त वैक्सीन की डोज़ है. वहीं निजी अस्पतालों में अब वैक्सीन महंगी हो गई है. मार्च में निजी अस्पताल में 250 रुपये में टीके की सिंगल डोज़ लिया जाता था. इन अस्पतालों को 150 रुपये प्रति डोज़ वैक्सीन सरकार उपलब्ध कराती थी. वहीं अप्रैल से सरकार ने निजी अस्पतालों से खुद कंपनियों से वैक्सीन खरीदकर लगाने का फरमान सुनाया. ऐसे में राजधानी में तीन अस्पताल अपोलो, रिजेंसी, सहारा हॉस्पिटल ने अपने यहां वैक्सीनेशन सेंटर बनाया. इसमें अपोलो ने कोविशील्ड की एक डोज़ 850, को-वैक्सीन की एक डोज़ 1250 रुपये तय की है. वहीं रिजेंसी हॉस्पिटल में को-वैक्सीन की एक डोज़ 1260 रुपये तय की गई है.
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बच्चे का जन्मप्रमाण दिखाकर अभिभावकों ने लगवाई डोज़
अगस्त से अक्टूबर में तीसरी लहर की आशंका है. इसमें बच्चों को खतरा ज्यादा है. मगर, बच्चों के लिये अभी टीका उपलब्ध नहीं है. ऐसे में बच्चों में संक्रमण रोकने के लिए अभिभावकों को वैक्सीनेट करने का फैसला किया है. ऐसे में वैक्सीनेशन अभियान में कई स्थलों लर 'अभिभावक स्पेशल' बूथ बनाए गए हैं. इस पर 12 वर्ष के कम उम्र वाले बच्चों के अभिभावकों ने वैक्सीन लगवाईं. इसके लिए उन्हें बच्चों का आधार कार्ड या फिर जन्मप्रमाण दिखाना पड़ा.
सरकारी दफ्तरों में भी वैक्सीन बूथ
इस बार टीकाकरण केंद्र बढ़ाए गए हैं. स्टेडियम, मेडिकल कॉलेज, अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर सरकरी दफ्तर में भी टीका लगे. इसके अलावा न्यायिक कर्मियों, मीडिया कर्मियों , शिक्षकों के लिए भी जनपदों अलग बूथ बनाए गए. यूपी में अब तक 1 करोड़ 80 लाख के करीब डोज़ लग चुकी हैं.
मेगा कैम्प में कोविड प्रोटोकॉल की उड़ी धज्जियां
टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य केंद्र से लेकर स्टेडियम तक में बूथ बनाए गए. इस दौरान उमड़ी भीड़ से कोविड प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ गई. शहर में तीन मेगा कैम्प लगाए गए. इसमें केडी सिंह बाबू स्टेडियम, इकाना स्टेडियम व इमाम बाड़ा को शामिल किया गया. यहां ऑनलाइन पंजीकरण कराकर लोग एकाएक सुबह ही जुट गए. सैकड़ों की संख्या में एक साथ लोगों के आने से लंबी लाइनें लग गई. इकाना में धूप में बाहर लाइन में लगे लोगों ने हंगामा किया. वहीं सीएम के निरीक्षण होने के बाद केडी सिंह बाबू स्टेडियम में भी अव्यस्था फैल गयी. यहां भी मुस्तैद स्टाफ हीलाहवाली करने लगा. लंबी लाइनों में लगे लोगों में संक्रमण का भय छाया रहा.