मौसमी पहाड़ी फलों पर करोना का प्रभाव, रेट दर में गिरावट से व्यापारी परेशान
कोरोना ने फल व्यापारियों को भी काफी प्रभावित किया है. मांग कम होने और रेट दर में गिरावट होने से मौसमी पहाड़ी फलों को बेचने वाले दुकानदारों की आमदनी कम हो गई है. इसकी वजह से उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
मौसमी पहाड़ी फलों की विक्री कम होने से दुकानदार परेशान
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Published : Jun 15, 2021, 4:46 PM IST
लखनऊ :राजधानी लखनऊ के सीतापुर रोड स्थित नवीन फल मंडी में जहां हर तरह के मौसमी फल की आवक हो रही हैं, वहीं पहाड़ों पर होने वाले पहाड़ी फल प्लम, खुमानी, आणू, चुश्नी का उत्पादन शुरू हो गया है. इन फलों का आवक मंडियों में इन दिनों बढ़-चढ़कर हो रहा है. लेकिन इस बार कोरोना काल के ग्रहण लग जाने से साफ तौर से इन पहाड़ी फलों के रेट पर बड़ा असर देखने को मिल रहा है. सामान्य समय की अपेक्षा इस बार के रेट में गिरावट देखने को मिल रही है. इससे दुकानदारों और आढ़तियों के चेहरों पर मायूसी देखने को मिल रही है.
पहाड़ी फलों पर कोरोना की मार
दरअसल, सामान्य दिनों में फलों की आवक तेजी से होती थी. इससे किसानों और दुकानदारों को अच्छा मुनाफा भी होता था, लेकिन इस बार का आलम यह है कि कोरोना का असर कम हो जाने के बाद मंडी में फलों की आवक में तेजी तो आई है, लेकिन फलों के रेट में पहले की अपेक्षा भी गिरावट देखने को मिल रही है. इससे दुकानदारों और व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है.
फल व्यापारियों पर कोरोना का असर
फलों के रेट दर-
फल
सामान्य समय में रेट दर
वर्तमान रेट दर
चुश्नी
₹500 पैकेट
₹300 पैकेट
पल्म
₹600 पैकेट
₹350 पैकेट
खुमानी
₹700 पैकेट
₹500 पैकेट
आणू
₹400 पैकेट
₹250 पैकेट
एक मंडी आढ़ती ने बताया कि इन मौसमी पहाड़ी फलों की आवक इस बार हल्द्वानी, नैनीताल से हो रही है. ईटीवी संवाददाता से बातचीत में मंडी के दुकानदार प्रभात ने बताया कि इस बार कोरोना वायरस से लॉकडाउन लग जाने से पहाड़ी फलों की रेट दर में गिरावट आई है. वहीं पहले की अपेक्षा मांग में भी कमी आई है. जहां हर वर्ष पहाड़ी फलों से अच्छा मुनाफा मिलता था, लेकिन इस बार मुनाफा कम मिल रहा है.