लखनऊ: राजधानी में स्वास्थ्य सेवाओं का दम फूल गया है. अफसरों के बेड बढ़ोतरी के दावे हवा साबित हो रहे हैं. मरीज सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री से अस्पताल में भर्ती कराने की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन बेड न मिलने से घर पर ही दम तोड़ रहे हैं. जबकि आरटीपीसीआर रिपोर्ट में निगेटिव होने और एक्सरे, सीटी स्कैन में कोरोना लक्षण होने पर भी कोविड अस्पताल में भर्ती करने का आदेश जारी किया गया है.
स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल
शहर में कोविड के एल-3 व एल-2 अस्पताल में बेड का संकट बना हुआ है. राजधानी में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का आलम यह है कि आनंदपुरम के विकास नगर निवासी 65 वर्षीय वीके श्रीवास्तव कोरोना पॉजिटिव हो गए. वह पिछले दो दिन से कंट्रोल रूम से लेकर स्वास्थ्य व प्रशासन के अधिकारियों को फोन करते रहे. निजी अस्पतालों व नर्सिंग होम से भी भर्ती के लिए गिड़गिड़ाते रहे. सीएम को ट्वीट कर अपना ऑक्सीजन लेवल 52 तक गिरना बताया. इसके बाद सीएम के सूचना सलाहकार शलभमणि ने ब्यौरा मांगा लेकिन वह भी मदद नहीं कर सके. शनिवार को मरीज ने दम तोड़ दिया. वहीं, इंदिरा नगर की गर्भवती रुचि बिष्ट की डिलेवरी के लिए सोशल मीडिया पर आवाज उठी. इसके बाद क्वीन मेरी में भर्ती किया गया.
दिन भर काटा चक्कर, नहीं मिला ऑक्सीजन
गोमतीनगर निवासी विवेक के घर के सदस्य कोरोना संक्रमित हो गए हैं. उनका भी ऑक्सीजन स्तर 65-70 जा रहा है. ऐसे में वह ऑक्सीजन के लिए लखनऊ की बाजारों में भटकते रहे, लेकिन उन्हें कहीं भी ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिला.
कोरोना की दवाओं का संकट
लखनऊ केमिस्ट एसोसिएशन के प्रवक्ता विकास रस्तोगी के मुताबिक बाजार में कोरोना के इलाज संबंधी दवाओं का संकट हो गया है. डिमांड के अनुआर दवा नहीं मिल पा रही है.आइवरमेक्टिन, एजिथ्रोमाइसिन, डाक्सीसाइक्लिन, विटामिन सी, जिंक, डी-3 के साथ ही पैरासिटामाल की भी समस्या हो गयी है. वहीं रेमडेसिविर का भी अभाव बना हुआ है.