लखनऊ: यूपी में कोरोना का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. प्रदेश में अब तक कोरोना संक्रमित होने के बाद 27634 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं. वहीं 1084 लोगों की कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी है. आइसोलेशन वार्ड में 16 हजार 454 लोगों को रखा गया है. फैसिलिटी क्वॉरंटाइन में 4 हजार 142 लोग हैं, जिनके सैंपल लेकर जांच करवाई जा रही है.
गुरुवार को प्रदेश में 54 हजार 207 सैंपल की टेस्टिंग की गई. इसमें आरटीपीसीआर के टेस्ट, एंटीजन और ट्रूनेट के टेस्ट शामिल हैं. अबतक प्रदेश में कुल 13 लाख 79 हजार 534 लोगों का टेस्ट किया गया है.
पौने दो लाख लोगों में कोरोना के लक्षण
घर-घर सर्वेक्षण अभियान में पौने दो लाख में आंशिक लक्षण दिखे. मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि आरोग्य सेतु एप से एलर्ट जनरेट होने के उपरांत दो लाख 86 हजार 406 लोगों को कंट्रोल रूम से फोन किया जा चुका है. घर-घर जाकर सर्वे का कार्य पूरा किया जा चुका है. प्रदेश के 17 मंडलों में यह अभियान पांच जुलाई से 15 जुलाई तक चलाया गया है. सर्वे के दौरान पौने दो लाख लोग ऐसे मिले हैं, जिनमें खांसी, बुखार या सांस लेने में तकलीफ की शिकायत मिली है. उन सभी लोगों का सैंपल लेने का अभियान चल रहा है. करीब 40 हजार लोगों से ज्यादा का सैंपल लिया जा चुका है. अगले दो से तीन दिनों के अंदर बाकी सभी लोगों के सैंपल ले लिए जाएंगे.
निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिए रेट फिक्स
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि कोविड के लिए प्रदेश में एल-1, एल-2 और एल-3 अस्पतालों की त्रिस्तरीय व्यवस्था की गई है. इन अस्पतालों में डेढ़ लाख बेड की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा डॉ. विनोद पाल की कमेटी ने निजी अस्पतालों के लिए सुझाव दिया था. निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिए पहले से ही रेट निर्धारित कर दिया गया है. इसके आधार पर प्रदेश में कई प्राइवेट अस्पताल कोविड के रूप में चल रहे हैं. प्रदेश में अभी तक होम आइसोलेशन नहीं किया गया है.
गाजियाबाद और लखनऊ में मरीजों के लिए होटल में व्यवस्था
अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि कुछ लोग चाह रहे थे कि उन्हें बहुत बेहतर सुविधाएं मिलें. उसके लिए एक बहुत ही सुलभ और सस्ता विकल्प है. यह सुविधा लखनऊ और गाजियाबाद में जिला प्रशासन किसी होटल को एक्वायर करेगा. होटल में एक शख्स को प्रतिदिन 2000 रुपये देने होंगे. उस होटल में चिकित्सा व्यवस्था राज्य सरकार की तरफ से दी जाएगी. वहां सरकार के ही डॉक्टर, नर्स और अन्य स्टाफ रहेंगे. यह सुविधा बुजुर्ग, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को नहीं मिलेंगी. एसिम्पटोमेटिक मरीज को ही यह सुविधा मिलेगी.