यूपी में कोरोना का ग्राफ धीरे-धीरे कम हो रहा है, लेकिन मौत का सिलसिला बरकरार है. गुरुवार को प्रदेश में एक्टिव केस की तादाद में 65.5 फीसदी की गिरावट आई, वहीं 238 लोगों की मौत हो गई.
कोरोना की जांच
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Published : May 20, 2021, 5:56 PM IST
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Updated : May 20, 2021, 11:20 PM IST
लखनऊ: अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद के मुताबिक गुरुवार को 2,91,156 लोगों के टेस्ट किए गए. इस दौरान 6725 लोगों में वायरस की पुष्टि हुई है. वहीं 238 मरीजों की कोरोना से मौत हो गई. इस दौरान 13,590 मरीजों ने वायरस को हराने में भी कामयाबी हासिल की है. वर्तमान में 1,16,434 कोरोना के एक्टिव मामले रह गए हैं. यह 30 अप्रैल के पीक एक्टिव केस के दिन से 65.5 फीसदी कम है. 30 अप्रैल को सबसे अधिक 3 लाख 10 हजार 783 सर्वाधिक एक्टिव केस रहे हैं. वहीं मृत्यु दर 1.1 फीसदी पर बनी हुई है. 31 मार्च से 18 मई तक 70 लाख ग्रामीण और 36 लाख शहर क्षेत्र में टेस्ट किए गये. गांव में कुल टेस्ट 65 फीसदी हुए हैं.
91.8 फीसद पहुंचा रिकवरी रेट प्रदेश के रिकवरी रेट में भी लगातार सुधार हो रहा है. अप्रैल में पहले 73 फीसदी रिकवरी रेट था. दो सप्ताह पहले 86.8 फीसद रिकवरी रेट था. बुधवार को 91.8 फीसदी रिकवरी रेट हो गया है. वहीं अप्रैल में कुल पॉजिटीविटी रेट 19.1 फीसदी था. अब 24 घंटे में रेट 2.4 फीसदी रह गया है. अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि गुरुवार को 3000 होम आईसोलेशन के मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराई गई.
दो फीसद से कम हुई लखनऊ में संकमण दर
लखनऊ में कोरोना मरीजों की संख्या में तेजी से कमी आ रही है. गुरुवार को संक्रमण की दर घटकर दो फीसदी से नीचे पहुंच गई है. इससे स्वास्थ्य विभाग ने राहत की सांस ली है. यहां अप्रैल के दूसरे सप्ताह में वायरस का प्रकोप बढ़ गया था. हालात यह हैं कि अप्रैल में एक लाख 20 हजार से ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आ गए थे. कोरोना कर्फ्यू लगने के बाद वायरस की चाल धीमी हो गई. पिछले 15 दिनों में 288836 नमूनों की जांच की गई. इस दौरान एक बार संक्रमण दर 30 तक पहुंच गई थी. अधिकारियों के मुताबिक मौजूदा समयमें संक्रमण की दर 1.7 फीसदी रह गई है. रिकवरी दर भी 96 फीसदी पहुंच गई है.
सभी सीएचसी-पीएचसी का होगा ऑडिट अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल के मुताबिक प्रदेश में सभी सीएचसी पीएचसी का ऑडिट किया जाएगा. यहां पर संसाधनों और उपकरणों की जांच की जाएगी. खराब उपकरण दुरुस्त किए जाएंगे. वहीं हर पीएचसी-सीएचसी का बेहतर संचालन किया जाएगा. सभी जगह स्टाफ और डॉक्टर की तैनाती की जाएगी. ऐसा कोई भी स्वास्थ्य केंद्र नहीं होगा जहां पर डॉक्टर मौजूद न हों. इसके अलावा ब्लैक फंगस के इलाज को लेकर सभी मेडिकल कॉलेजों को निर्देश दिए गए हैं. वह ब्लैक फंगस के लिए बनाई गई एक्सपर्ट कमेटी से संपर्क कर जानकारी लें. आईसीयू को वर्चुअली कनेक्ट कर गंभीर मरीजों का विशेषज्ञों की सलाह पर इलाज करें, साथ ही 15 दिन में मेडिकल कॉलेजों में 100 बेड के पीकू शुरू हो जाएंगे.
लखनऊ में कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार कमी आ रही है. गुरुवार को 353 लोगों में वायरस की पुष्टि हुई है. 50 दिन बाद संक्रमितों का ग्राफ 400 के नीचे आया गया है. इससे पहले 31 मार्च को 361 लोगों में वायरस की पुष्टि हुई थी. बता दें कि सांसद आजम खान की हालत में सुधार आया है. फिलहाल वह ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं और उनकी हालत स्थिर है.
21 मरीजों की कोरोना से मौत संक्रमण भले ही कम हो रहा है, लेकिन कोरोना संक्रमितों की मौत के आंकड़ों में कमी नहीं आ रही है. औसतन 20 से अधिक मरीजों की सांसें थम रही हैं. गुरुवार को भी 21 मरीजों ने इजाज के दौरान दम तोड़ दिया. लगातार मौत से स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ी हुई है. बाराबंकी स्थित मेयो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइसेंस और गोमतीनगर स्थित मेयो मेडिकल सेंटर के चेयरमैंन डॉ. केएन सिंह का निधन हो गया. भारतीय जनता पार्टी के लखनऊ महानगर के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप भार्गव का भी कोरोना से निधन हो गया. वह एक माह से अधिक समय से लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे.
52 चिकित्सा अधिकारियों को मिली तैनाती यूपी लोक सेवा आयोग से 52 चिकित्सा अधिकारी अधिकारियों का चयन हो गया. इनको प्रदेश के विभिन्न राजकीय यूनानी चिकित्सालय में तैनाती दी गई है.