लखनऊ:कोरोना वायरस के प्रभाव के कारण महिलाएं पहले के मुकाबले घर और परिवार की देखभाल अधिक कर रही हैं. जिसके चलते उन्हें मानसिक और शारीरिक परेशानियों (mental and physical problems) का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे माहौल में बहुत सारी महिलाएं ज्यादा तनाव लेती हैं, जिनके मासिक चक्र (menstrual cycle) में बदलाव की वजह से यह समस्या हो रही है. राजधानी के महिला अस्पतालों में मासिक चक्र की समस्या से परेशान अनेकों महिलाएं डॉक्टर से परामर्श लेने आती हैं.
महिला रोग विशेषज्ञों के अनुसार, ओपीडी (OPD) में कोविड काल के दौरान पीरियड्स की समस्या से परेशान कई महिलाएं आ रही हैं. डॉक्टरों के मुताबिक, कोरोना काल ने घरों में रहने के बावजूद महिलाओं के मानसिक और शारीरिक तौर पर दुष्प्रभाव डाला है. महिलाएं इससे अभी तक उभर नहीं पाईं हैं. डॉक्टर के बताया कि अस्पताल में ओपीडी शुरू हुए महज दो सप्ताह हुआ है, लेकिन ऐसे मरीजों की संख्या अधिक है.
ये 3 चीजें करती हैं महिलाओं को परेशान
हजरतगंज स्थित वीरांगना झलकारी बाई अस्पताल की सीएमएस डॉ. रंजना खरे ने बताया कि इस समय अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 50 से 70 महिलाएं आ रही हैं, जिसमें 10 से 15 महिलाएं को पीरियड्स से जुड़ी समस्या रहती है. जिसमें कुछ युवा लड़की तो कुछ डिलीवरी के बाद से पीरियड्स की फेरबदल से महिलाएं परेशान शामिल रहती हैं. डॉ. रंजना खरे ने बताया कि कोरोना काल में महिलाओं को परेशान करने वाली तीन चीजें हैं. पहला- कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खौफ. दूसरा- नौकरी और कारोबार करने वाली महिलाओं में नौकरी की अनिश्चितता. तीसरा- लॉकडाउन (Lockdown) के कारण उनके जीवन में आया अकेलापन.