लखनऊः देश भर में तबाही मचा रहा कोरोना वायरस (coronavirus) का इफेक्ट मलीहाबाद के दशहरी आम पर भी पड़ा है. अमूमन देश-विदेश तक सप्लाई होने वाले इस मशहूर दशहरी आम के खरीदार ही नहीं मिल रहे हैं. इसकी बड़ी वजह कोरोना संक्रमण के चलते लागू लॉकडाउन है. आम किसी तरह दिल्ली की फल मंडियों में तो पहुंच गया, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते लोग इसे खरीदने से बच रहे हैं. लिहाजा व्यापारियों को आम औने-पौने दाम पर बेचना पड़ रहा है.
मलिहाबाद का नाम आते ही हर किसी के जहन में अपने स्वाद को लेकर पहचान बनाने वाली मलिहाबादी दशहरी आम की याद ताजा हो जाती है. लेकिन आम के शुरुआती दौर में ही कोरोना महामारी ने आम बागवानों की चिंताएं बढ़ा दी है. फलपट्टी क्षेत्र में दशहरी आम की टूट शुरू होकर राजधानी दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में पहुंचने भी लगी है, लेकिन कोरोना लॉकडाउन ने शुरुआती दौर में ही दशहरी की मिठास फीकी कर दी है. मलिहाबाद से आम टूटकर दिल्ली की मंडियों में पहुंचा तो वहां पर दशहरी आम की बिक्री पर कोरोना इफेक्ट देखने को मिला. कोरोना वायरस के चलते आम के खरीदार ही नहीं मिले.
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दिल्ली मंडी में दशहरी आम को नहीं मिले खरीदार
बीते दिनों मलिहाबाद से टूटकर दिल्ली गए आम को फल मंडी में खरीदने के लिए खरीदार नहीं मिले, जिससे मलिहाबाद के बागवानों ने आम की टूट पर रोक लगा दी. बगवान शेख ने बताया कि इस बार आम की फसल कमजोर हुई थी, जिससे आम मंडी में अच्छे दामो में बिकने की उम्मीद थी. लेकिन कोरोना के चलते दिल्ली की मंडियों में आम के खरीदार नहीं है. लिहाजा आम को सस्ते दामों में बेचा गया है.
लॉकडाउन में छूट नहीं मिली तो आने वाले दिनों में होंगी समस्याए
आम के थोक व्यापारी मुशर्रफ अली ने जानकरी दी कि अगर सरकार कोरोना लॉकडाउन (corona lockdown) में ढील नहीं देती है तो आने वाले दिनों में आम की बिक्री पर गहरा असर देखने को मिल सकता है. लॉकडाउन के कारण खरीदार आम खरीदने से परहेज कर रहे हैं. अभी आम की शुरुआत हुई है, उम्मीद है जैसे-जैसे समय बीतेगा आम के खरीदार भी बढ़ने लगेंगे.
आम के उचित दाम न मिले तो कर्ज तले दब जाएंगे आम बागवान
मलिहाबाद के आम बागवान प्रमोद कुमार, इशाक अहमद, पंकज, तसव्वर व दर्जनों बागवानों ने बताया कि पिछले साल कोरोना लॉकडाउन के चलते हम बागवानों की लागत भी निकलना मुश्किल हो गया था. ज्यादतर लोग कर्जे में डूब गए थे और इस साल की फसल के सहारे ये आस लगाए बैठे थे कि इस साल आम के दाम के उचित मूल्य मिल जाएंगे, तो हम लोगों के कर्ज दूर हो जाएगा. अब जिस तरह से शुरुआती दौर में ही आम के खरीदार नहीं मिल रहे हैं ऐसे तो हम लोग बर्बादी की कगार पर आ जायेंगे.