लखनऊ: प्रदेश में लगातार कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ोतरी हो रही है. इस समय जो भी संक्रमित मरीज मिल रहा है, उनमें सर्दी जुखाम बुखार और गले में खराश जैसी समस्या हो रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह मौसम हेल्थी मौसम माना जाता है. ऐसे में अस्पतालों में अत्यधिक भीड़ नहीं है लेकिन फिजिशयन की ओपीडी में भीड़ लग रही है. ज्यादातर मरीज शरीर दर्द की परेशानी से जूझ रहे हैं. बता दें कि मौजूदा समय में सक्रिय केस की संख्या 4923 पहुंच गई है.
संक्रमित मरीजों में हो रहा उतार-चढ़ाव:शनिवार कोविड के 785 संक्रमित मरीज मिले. वहीं 538 मरीज कोविड से ठीक हुए. जबकि दो मरीज की मौत कोविड से हो गई. शुक्रवार को 991 संक्रमित मरीज मिले थे. वहीं 772 मरीज कोविड से ठीक हुए थे. जबकि तीन संक्रमित मरीजों की कोविड से मौत हो गई थी. गुरुवार को 840 संक्रमित मरीज मिले थे और 663 मरीज को कोविड से ठीक भी हुए थे. बुधवार को 910 कोरोना से संक्रमित पाए गए थे और 613 कोरोना संक्रमित मरीज स्वस्थ होकर घर लौटे थे. बुधवार को कोविड प्रदेश में चार मौतें भी हुई थीं. बीते मंगलवार को प्रदेश में 821 संक्रमित मरीज मिले थे जबकि 502 मरीज ठीक भी हुए थे. कोरोना आंकड़ों में देखा जा सकता है कि किस तरह से उतार-चढ़ाव बराबर लगा हुआ है.
तुरंत मिल रहा मरीजों को इलाज:बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता ने कहा कि इस समय कोरोना वायरस का प्रकोप काफी ज्यादा है. अस्पतालों में भी बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ रही है. जितने भी मरीज आ रहे हैं, उन्हें तुरंत इलाज दिया जा रहा है. इसके अलावा सोमवार से गुरुवार तक अस्पताल में काफी भीड़ देखने को मिलती है.
वहीं, लोकबंधु अस्पताल के एमएस डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि अस्पताल में रोजाना सभी ओपीडी को जोड़ते हुए दो से तीन हजार मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं. कोरोना वायरस को लेकर डरने व घबराने की जरूरत नहीं है. इसके लिए जरूरी है कि मास्क का इस्तेमाल करें और भीड़भाड़ में जाने से बचें. इसके अलावा बच्चों व बुजुर्गों का अधिक ख्याल रखें. घर में अगर किसी को वायरल बुखार हुआ है तो उन्हें क्वॉरेंटाइन रहने के लिए कहें ताकि बाकी सदस्य वायरल की चपेट में न आए.
वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. एस देव ने कहा कि कोरोना वायरस ने इतनी बुरी तरह से सेहत पर असर डाला है कि अब मरीज को आसानी से अन्य बीमारियां भी अपनी चपेट में ले लेती हैं. कमजोर इम्यूनिटी होने पर कब्ज, अपच, एसिडिटी आदि समस्याएं होने लगती हैं. साथ ही व्यक्ति को पेट में दर्द आदि समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है. कोरोना के कारण जल्दी-जल्दी लोगों की तबीयत खराब होने लगी है. इम्यूनिटी खराब होने के कारण मरीज जल्दी-जल्दी बीमार पड़ना लगता है और मरीज को कमजोरी काफी ज्यादा हो जाती है. कई बार ऐसे केस में मरीजों का वजन भी कम हो जाता है.
उन्होंने बताया कि पहले से ही कोरोना वायरस ने ही मरीजों का जीना मुहाल किया था. उसके बाद संचारी रोग जिसमें डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया जोकि अक्टूबर-नवंबर के महीने में तेजी से फैला था और सभी लोग इससे प्रभावित हुए थे. ऐसे में किसी भी मरीज की रिपोर्ट तो पॉजीटिव नहीं आ रही थी, लेकिन कमजोरी और बदन में दर्द से मरीजों का हाल बेहाल हो गया था. इस स्थिति में सभी ने अस्पताल जाकर खुद को जरूर दिखाया. यहां तक कि बहुत से मरीज को इमरजेंसी में भर्ती भी करना पड़ा था. वायरल सीजन में मरीजों को बदन में दर्द कमजोरी हड्डियों में दर्द हड्डियों का शूज जाना जैसी समस्याएं हो रही थी. इससे उभरने में भी मरीजों को महीनों लगे थे. कोरोना वायरस की वजह से मरीजों की इम्यूनिटी कमजोर हुई है. कोरोना वायरस के कारण सभी के स्वास्थ्य पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है.
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