लखनऊ: राजधानी लखनऊ में 2 दर्जन से अधिक धर्मशालाएं हैं. इन धर्मशालाओं में बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ती थी, लेकिन जिस तरह से पूरे देश में कोरोना का संक्रमण फैला है इसके बाद से धर्मशालाओं में सन्नाटा पसरा हुआ है. अब हाल ऐसा है कि यहां पर काम करने वाले कर्मचारियों को खाने-पीने तक की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
लखनऊ की धर्मशालाओं पर कोरोना की मार, गहराया खाने का संकट - financial crisis on inns
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इन दिनों धर्मशाला संचालकों के सामने आर्थिक संकट गहराता जा रहा है. यहां की धर्मशालाओं को कोरोना का सबसे ज्यादा असर देखने को मिल रहा है. हाल यह है कि यहां कोई ठहरने के लिए नहीं आ रहा है.
धर्मशाला के मैनेजर जगदीश कुमार ने बताया कि हमारी धर्मशाला में 20 से ज्यादा कमरे हैं और यहां पर बड़ी संख्या में लोग कमरे लेने आते थे, लेकिन जब से कोविड-19 संक्रमण फैला है. तब से यहां पर आने वाले लोगों की भीड़ खत्म हो गई है, जिसके कारण यहां सन्नाटा पसरा हुआ है. इसका असर यहां पर काम करने वाले कर्मचारियों पर भी पड़ रहा है. काम करने वाले कर्मचारियों को वेतन देने तक के पैसे नहीं हैं, जिससे हम लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
वहीं उमराव धर्मशाला के मैनेजर मैकूलाल का कहना है कि कोरोना के कारण कोई भी यात्री धर्मशाला में रुकने के लिए नहीं आ रहा है. इस वजह से यहां पर काम करने वाले कर्मचारियों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. यही हाल राजधानी की लगभग सभी धर्मशालाओं का है. यहां पर आने वाले लोगों की संख्या बिल्कुल न के बराबर है.