लखनऊ:कोरोना की वजह से ज्यादातर कार्यालयों में वर्क फ्रॉम होम और स्कूल बंद होने की वजह से लॉन्ड्री कारोबार से जुड़े लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. इन लोगों का काम ऑफिस जाने वाले लोगों और स्कूल जाने वाले बच्चों से जुड़ा हुआ है. कोरोना ने लॉन्ड्री कारोबार को पूरी तरह से ठप कर दिया है. लॉन्ड्री कारोबार से जुड़े लोगों के लिए घर-परिवार का गुजर-बसर करना भी मुश्किल हो गया है. मकान का किराया, बच्चों की स्कूल फीस चुकाने से लेकर घर पर राशन के जुगाड़ के लिए भी जद्दोजहद करनी पड़ रही है.
वैसे तो कोरोना का असर सभी व्यापार पर पड़ा है, लेकिन लॉन्ड्री कारोबार पर ऐसा 'दाग' लगाया है. जो छूटे नहीं छूट रहा है. यह कारोबार पूरी तरीके से चौपट हो गया है. दुकानदारों का कहना है कि बड़ी मुश्किल से रोजी-रोटी चल पा रही है. दुकान पर बहुत कम ग्राहक आ रहे हैं. लॉन्ड्री में प्रयोग होने वाले केमिकल से लेकर अन्य चीजों के दाम में बढ़ोतरी हो गई है, लेकिन उसके बाद भी पुराने रेट में सेवा दी जा रही है. 40 से 50 फीसदी व्यापार कम हो गया है. पिछले वर्ष की अपेक्षा इस साल लाखों रुपये का नुकसान हुआ है. कुछ कारोबारियों ने तो अपनी दुकानों की ब्रांचें बंद कर दी हैं.
वर्क फ्रॉम होम ने चौपट किया कारोबार
कारोबारी सैयद हुजूर आलम नकवी बताते हैं कि उनके व्यापार पर 40 प्रतिशत का असर पड़ा है. पहले शादी विवाह होते थे. उसमें हजारों आदमी जमा होते थे, लेकिन अब केवल 25 लोगों की ही अनुमति दे दी गई है. जिसके चलते ग्राहक नहीं आ रहे हैं. शादी बारातों में लोग जा ही नहीं रहे हैं. इसलिए कपड़े भी धुलने के लिए नहीं आ रहे हैं.
हुजूर आलम बताते हैं कि उनका होटल्स में भी लॉन्ड्री का काम काफी समय से चला रहा है. होटलों में गेस्ट न होने की वजह से वहां भी काम चौपट हो गया है. कोरोना काल में वर्क फ्रॉम होम के चलते भी लोगों ने दुकानों पर कपड़े भेजना बंद कर दिए हैं. लोग खुद ही धुलाई कर लेते हैं. काम पुरी तरीके से प्रभावित हो चुका है जिसके चलते न सैलरी निकल पा रही है और न ही वर्करों को तनख्वा दे पा रहे हैं. दुकानों पर गिने चुने वर्कर रखे गए हैं. फैक्ट्री का भी खर्च नहीं निकल पा रहा है.