लखनऊ :संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में आज पहला रिसर्च डे मनाया गया. इसमें देशभर के डॉक्टर्स ने वेबिनार के माध्यम से हिस्सा लिया और लोगों को रिसर्च के बारे में बताया.
एसजीपीजीआई के डायरेक्टर से बातचीत करते संवाददाता. 14 दिसंबर को मनाया जाएगा 37वां स्थापना दिवस
एसजीपीजीआई के डायरेक्टर प्रोफेसर आरके धीमन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि एसजीपीजीआई का 37वां स्थापना दिवस 14 दिसंबर को मनाया जाएगा, जिसके 1 दिन पहले 13 दिसंबर को पहले रिसर्च डे का आयोजन किया गया है. अब हर साल फाउंडेशन डे के एक दिन पहले रिसर्च डे मनाया जाएगा.
...ताकि रिसर्च को मिले बढ़ावा
प्रोफेसर आरके धीमन ने बताया कि रिसर्च डे मनाने का मुख्य कारण यह है कि आगे रिसर्च को बढ़ावा मिले. साथ ही साथ उन डॉक्टर्स को भी सम्मानित किया जा सके, जिन्होंने रिसर्च की है. एसजीपीजीआई भारत के प्रमुख संस्थानों में से एक है, जहां पर लगातार नई-नई रिसर्च होती रहती हैं.
रिसर्च के लिए यह होती है सबसे जरूरी चीज
डायरेक्टर आरके धीमन ने बताया कि रिसर्च के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज होती है कि हम खुद से सवाल करें, जिसके जवाब में हम कोई नई खोज करें. जैसे कोविड-19 महामारी को लेकर यह बात सामने आई थी कि अगर प्लाजमा थेरेपी की जाए तो इस महामारी से बचा जा सकता है, जिसमें लोगों पर नई रिसर्च की गई और यह देखा गया कि प्लाज्मा थेरेपी कितनी कारगर है. ठीक इसी प्रकार जब हम खुद से सवाल पूछेंगे तब ही नई रिसर्च कर पाएंगे.
'बढ़ाया जाए रिसर्च फंड'
डायरेक्टर ने बताया कि इस वक्त एसजीपीजीआई का रिसर्च फंड 350 करोड़ रुपये प्रति वर्ष है, जिसके तहत हम पांच लाख रुपये ही अलग-अलग रिसर्च में दे पाते हैं. वहीं इस फंड को बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार से बात चल रही है. आने वाले समय में एसजीपीजीआई का रिसर्च फंड बढ़ाया जाएगा.