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ऊर्जा मंत्री और UPPCL चेयरमैन के बीच बढ़ी तकरार - अरविंद कुमार प्रमुख सचिव यूपीपीसीएल

यूपी में ऊर्जा मंत्री और उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) चेयरमैन का मनमुटाव अब सार्वजनिक होता दिख रहा है. डिस्कॉम को निजी हाथों में देने से लेकर तमाम मुद्दों पर ऊर्जा मंत्री और यूपीपीसीएल चेयरमैन के बीच सामंजस्य नहीं बैठ पा रहा है. खुद ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने ट्वीट कर यूपीपीसीएल चेयरमैन अरविंद कुमार पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

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ऊर्जा मंत्री और प्रमुख सचिव के बीच टकराव.

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Published : Feb 1, 2021, 12:06 PM IST

लखनऊ :उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और पॉवर कॉर्पोरेशन के चेयरमैन के बीच टकराव बढ़ता ही जा रहा है. सोशल मीडिया पर ऊर्जा मंत्री और चेयरमैन के बीच सोशल मीडिया पर तल्खी नजर आई. मंत्री की तरफ से अमूमन रोजाना ही बिजली क्षेत्र में सुधार को लेकर ट्वीट किए जा रहे हैं, लेकिन चेयरमैन अरविंद कुमार पर कोई असर नहीं पड़ रहा है. ऊर्जा मंत्री पिछले कई माह से उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के चेयरमैन को सही समय पर सही बिल के लिए निर्देशित कर रहे हैं, लेकिन अब तक उनके निर्देशों पर कोई अमल नहीं हुआ है. लोगों को अभी भी सही समय पर बिल नहीं मिल रहे हैं.

ट्वीट कर दिए निर्देश, फिर भी नहीं असर

ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव अरविंद कुमार की कार्यशैली से बिल्कुल भी खुश नहीं हैं. सोशल मीडिया के जरिए लगातार चेयरमैन पर सवाल उठा रहे हैं. दोनों के बीच अक्सर निजीकरण, स्मार्ट मीटर, डिस्कॉम को निर्देश, बिलिंग एजेंसी समेत तमाम मुद्दों पर सवाल होते हैं. मंत्री और प्रमुख सचिव के बीच तालमेल बैठ नहीं रहा है. ऊर्जा मंत्री सोशल मीडिया पर चेयरमैन अरविंद कुमार को लगातार निर्देश दे रहे हैं. ऊर्जा मंत्री ने 15 जनवरी को ट्वीट किया कि एकमुश्त समाधान योजना में उपभोक्ताओं को राहत दी जा रही है. 31 जनवरी तक उपभोक्ता लाभ ले सकते हैं. चेयरमैन सुनिश्चित करें. अभी भी इस योजना में ज्यादा लोगों ने पंजीकरण नहीं कराया है. इससे तय होता है कि मंत्री के निर्देश पर कितना अमल हुआ.

उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड.

22 जनवरी को ट्यूबवेल के लंबित कनेक्शन को लेकर ऊर्जा मंत्री ने ट्वीट किया. उन्होंने लिखा वर्तमान में लंबित कनेक्शन की संख्या 18124 है. चेयरमैन सुनिश्चित करें कि यह लंबित आवेदन 31 मई तक निल हों. इसके बाद ऊर्जा मंत्री ने 25 जनवरी को ट्वीट किया कि उपभोक्ताओं को सही समय पर बिजली बिल मिले. यह यूपीपीसीएल के चेयरमैन की जिम्मेदारी है. जुलाई 2018 में बिलिंग एजेंसियों से हुए करार के मुताबिक आठ माह में शहरी क्षेत्रों में और 12 माह में ग्रामीण क्षेत्रों में 97 प्रतिशत डाउनलोडेबल बिलिंग होनी थी, लेकिन अभी तक मात्र 10.64 प्रतिशत बिलिंग ही हो पायी है. यह कार्यों के प्रति और उपभोक्ता हितों के प्रति उदासीनता एवं लापरवाही को दर्शाता है. इसकी जिम्मेदारी यूपीपीसीएल चेयरमैन की है. 29 जनवरी को मंत्री ने ट्वीट किया कि उपभोक्ता सेवाओं में कोई शिथिलता स्वीकार नहीं. यूपीपीसीएल चेयरमैन सुनिश्चित करें. सतत निगरानी करें और लापरवाह डिस्कॉम की जवाबदेही तय करें.

तब से बढ़ीं दूरियां

बिजली विभाग के सूत्रों की मानें तो ऊर्जा मंत्री और पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन के बीच निजीकरण के मुद्दे को लेकर हुए प्रदर्शन के बाद समझौते पर हस्ताक्षर को लेकर लकीर खींच गई थी, जो अभी भी कायम है. इसीलिए आदेशों-निर्देशों पर भी अमल नहीं हो रहा है. अब एक बार फिर ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने यूपीपीसीएल के चेयरमैन को निर्देशित किया है कि प्रदेश सरकार की मंशानुरूप उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए ‘सही बिल, समय पर बिल’ उपलब्ध कराए जाएं. उपभोक्ताओं के मीटर रीडिंग में गड़बड़ी और बिलिंग में हेराफेरी बंद हो.

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