नैनीतालःजमरानी बांध निर्माण में हो रही देरी को लेकर यूपी और उत्तराखंड के मुख्य सचिवों को नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश का पालन न करना भारी पड़ा है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने मुख्य सचिवों को अवमानना नोटिस जारी करते हुए जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.
बता दें कि जमरानी बांध निर्माण में हो रही देरी के मामले पर हल्द्वानी निवासी रवि शंकर जोशी ने नैनीताल हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि हाईकोर्ट ने नवंबर 2018 में जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए आदेश दिए थे कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार बांध का निर्माण कार्य 3 साल में पूरा करें.
साथ ही बांध निर्माण का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के मुख्य सचिव केंद्र को भेजें और केंद्र इस पर शीघ्र निर्णय लें. ऐसे में कोर्ट ने 6 माह के भीतर बांध की डीपीआर बनाने के निर्देश दिए थे. याचिकाकर्ता का कहना है कि जमरानी बांध का निर्माण का प्रस्ताव 1975 में हुआ था तब इसके निर्माण की लागत 61.25 करोड़ थी.
याचिका में रविशंकर जोशी ने कहा कि साल 1982 में बांध निर्माण का कार्य प्रारंभ हुआ, जिसमें करीब 40 किलोमीटर लंबी नहर का निर्माण किया गया. तब से बांध का निर्माण का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है. ऐसे में कई बार डीपीआर बनाई गई, लेकिन बांध निर्माण का कार्य अधर में ही लटका रहा.