लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा है कि देश में विदेशी कोयले को पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए. इससे उपभोक्ताओं को काफी लाभ मिलेगा. उन्हें सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध हो सकेगी. उन्होंने कहा है कि देश के आठ राज्यों का आंकडा साबित कर रहा है कि वर्ष वर्ष 2021-22 में राज्यों को कोयला कंपनियों ने करोडों अरबों रुपये की रॉयल्टी भी दी है. देशी कोयला से सस्ती बिजली भी मिली है.
उत्तर प्रदेश को वर्ष 2020-21 में रुपये 638 करोड रॉयल्टी मिली है. वर्ष 2021-22 में 475 करोड रुपए रॉयल्टी मिली है. पूरे देश के उर्जा सेक्टर में जिस प्रकार से विदेशी कोयला खरीदने के लिए दबाव बनाया जाता है. उसमें सबसे ज्यादा फायदा जिस देश से कोयला खरीदा जाता है. उसका होता है. उसके बाद फायदा उन निजी घरानों का होता है, जिनके पास कोयले की खदानें होती हैं. देशी कोयला से जहां बिजली सस्ती उपलब्ध होती है तो राज्य को बडे पैमाने पर रॉयल्टी भी मिलती है. इससे राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है. देशी कोयला भंडारण को बढ़ावा देने से राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है. देश के राज्यों को सस्ती बिजली भी उपलब्ध होती है. ऐसे में अब समय आ गया है कि जब केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय को इस दिशा पर भी सोचना चाहिए कि विदेशी कोयला खरीद कम से कम की जानी चाहिए. वर्ष 2020-21 की बात करें तो भारत ने 116037 करोड का विदेशी कोयला खरीदा था.