लखनऊ : राजधानी में कार बेचने के बाद भी ऑटो सेल्स कंपनी ने गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया. इसी बीच गाड़ी मालिक की उसी कार से हुई दुर्घटना में मौत हो गई. बीमा कंपनी ने कार मालिक का बीमा दावे का भुगतान यह कहते हुए नहीं किया कि कार का रजिस्ट्रेशन नहीं था. मामला राज्य उपभोक्ता आयोग पहुंचा, जहां न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने कार विक्रेता को पीड़ित के परिवार को 12 लाख रुपये अदा करने का आदेश दिया है.
दरअसल, राजधानी के हजरतगंज की रहने वाली पल्लवी यादव ने राज्य उपभोक्ता आयोग में शिकायत की थी कि उनके पति नीरज यादव ने इंदिरानगर के एमजी ऑटो सेल्स प्राइवेट लिमिटेड से 2 मई 2017 को एक होंडा सिटी कार खरीदी थी. कार की कीमत 12 लाख 98 हजार 490 रुपये थी. नीरज यादव ने एमजी ऑटो सेल्स को रजिस्ट्रेशन के लिए एक लाख 58 हजार 919 रुपये और वीआईपी नंबर के लिए 15 हजार रुपये भुगतान किए थे. कार का बीमा एचडीएफसी जनरल इंश्योरेंस कंपनी ने चेसिस एवं इंजन नंबर के आधार पर किया था. वीआईपी नंबर के लिए नीरज बीमारी के कारण आरटीओ कार्यालय नहीं जा सके, जिससे उनका नंबर निरस्त कर दिया गया.